बिस्कोहर कांड के अभियुक्तों को बरी कराने की तैयारी, न्यायमंत्री से मिले शिक्षामंत्री डा. सतीश द्धिवेदी
आरिफ मकसूद
इटवा, सिद्धार्थनगर। पांच साल पहले बिस्कोहर बाजार में बिजली बहाली को लेकर चले आंदोलन के अभियुक्तों पर से जल्द मकदमा वापस हो सकता है। इसके लिए इटवा के विधायक व मंत्री सतीश द्धिविदी ने पहल कर दी है बता दें कि इस प्रकरण में सैकड़ों लोग अभियुक्त बनाए गये हैं। यही नहीं पुलिस पर आंदोलनरियों के साथ बर्बर अत्याचार का भी आरोप लगा था।
बताया जाता है कि बिस्कोहर कांड में मामले में क्षेत्रीय विधायक व शिक्षामंत्री सतीश द्धिवेदी ने दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी है। उन्होंने न्यायमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात कर इस मामले के अभियुक्तों पर से मुकदमा वापस लिए जाने की जरूरत बताई है। इस बारे में शिक्षामंत्री का दावा है कि मुकदमा फर्जी, जिसे खत्म करने का आश्वासन भी मिला है।
क्या था मामला, जब पुलिस जुल्म से कांप उठा था बिस्कोहर
वर्ष 2015 का सितम्बर का माह था। बिस्कोहर में बिजली आपूर्ति की समस्या एक बहुत बड़ी थी । जिसको लेकर लेकर स्थानीय व्यापारियों एवं नागरिकों ने शांति पूर्वक आंदोलन शुरू किया। प्रशासन ने आन्दोलन खत्म कराने के लिए पुलिस लगाई, जिससे जनता और पुलिस के बीच में झड़प हुई। फिर क्या था, पुलिस ने ऐसा जुल्म ढहाया कि पूरा कस्बा कांप उठा। लाठीचार्ज के बाद पूरा बिस्कोहर पुलिस छावनी बन गया था।
कई थानों की पुलिस और पीएसी ने मिल कर आंदोलनकारियों की जम कर पिटाई कि। घरों में घुस कर लोगों को पीट कर अपनी खुन्नस निकाली किसी के हाथ टूटे तो किसी के पैर। भय और आतंक के कारण बिसकोहर निवासी तमाम लोग गांव से पलायन कर गये। इस मामले मे करीब ढाई सौ लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया था । इस मामले में नाम आने से बचाने के लिए पुलिस ने जम कर धन वसूली की थी। उस समय प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय यहां के विधायक थे। उन्होंने लोगों को मदद का पूरा अश्वासन दिया था। लेकिन अंत में एसडीएम राम सूरत पाण्डेय की तहरीर पर पुलिस ने 23 नामजद सहित करीब ढाई सौ के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया। वारंट व कुर्की की कार्रवाई भी हुई।
खबर है कि अब इस मामले को समाप्त करने की पहल इटवा के विधायक व मंत्री डा. सतीश द्धिवेदी ने की है। उन्होंने न्याय मंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात कर शीघ्र मामले को निस्तारित कराने संबंधित अनुरोध किया है । डा. सतीश ने कहा कि मुकदमा फर्जी था, जिसको खत्म कराने का वह निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्हें पता चला कि महाधिवक्ता के यहां फाइल पेंडिग है। जिसको लेकर न्याय मंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात की और जल्द रिपोर्ट मंगाकर अग्रिम कार्रवाई हेतु अनुरोध किया। बकौल डा. द्विवेदी, न्याय मंत्री ने शीघ्र ही फाइल मंगाकर प्रक्रिया पूर्ण कराने हेतु भरोसा दिलाया।
अब लोगों में एक बार फिर उम्मीद बंधी है कि मंत्री जी यी मुकदमा वापय करायेंगे, मगर वे क्या कर सकेंगे, यह आने वाले दिन में पता चलेगा। वैसे माननीय मंत्री जी पुलिस के लोगों की जांच कराते तो ज्यादा बेहतर था, ऐसी भी कहने वालों की कमी नहीं है।