संविधान की हत्यारी है यह सरकार: डॉ. अरविन्द शुक्ला
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। भाजपा सरकार द्वारा किसानों के कृषि बिल के खिलाफ न्यायालय जाने का अधिकार छीनना, न्यूनतम समर्थन मूल्य का निश्चित न होना, असीमित भंडारण का अधिकार देना और किसानों की जमीन पर कर्ज लेने का अधिकार पूँजीपतियों को देना अगर किसानों को गुलाम बनाना नहीं है तो और क्या है?
उक्त बातें युवा कांग्रेस के नेता डॉ. अरविनंद शुक्ला ने शोहरतगढ़ विधानसभा के परिगवां गांव में ग्रामीणों और युवाओं को कृषि बिल के द्वारा किसानों का शोषण करने पर कही। उन्होंने मोदी सरकार को किसान व जनविरोधी करार दिया।
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में यूं तो लाखों किसान आन्दोलन में शामिल हुए लेकिन मुख्यमंत्री और उनकी पुलिस ज़बरदस्ती अन्य जाने वाले किसानों को रोक रहे थे और किसान नेताओं को गिरफ्तार कर रहे थे। ट्रैक्टर रैली के रोक और उनमें ईंधन के लिए लगी रोक कहाँ का न्याय है।
किसान आन्दोलन को बदनाम करने के लिए मीडिया के एक धड़े को दोषी ठहराते हुए उन्होंने कहा कि 60 दिनों से जो किसान तिरंगे को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, 80 से ज्यादा साथियों की शहादत के बाद भी, उग्र नहीं हुए वे भला तिरंगे का अपमान कैसे करेंगे। उस भीड़ में सरकार के भेजे उतपातियों द्वारा ही हिंसा और तिरंगे के अपमान का प्रयास किया गया। किसान तो तिरंगे को अपने मस्तक पर रखता है।
कार्यक्रम में हरिश्चन्द्र कन्नौजिया, शिवमंगल मौर्या, रामप्रसाद कन्नौजिया, रामबृक्ष कन्नौजिया, रामचंद्र, अभिषेक शाहनी, शिवकरण साहनी, रामबचन, रामनारायण, राकेश शर्मा, विश्वम्भर मौर्य आदि उपस्थित रहे। इस दौरान 15 युवाओं ने युवा कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।