परीक्षा के दौरान बीएसए ने केन्द्र व्यवस्थापक से मांगा रूपया, आखिर सच्चाई क्या है?

March 1, 2019 4:12 PM0 commentsViews: 474
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– बेसिक शिक्षा अधिकारी बोले, आरोप झूठे हैं,  परीक्षा में  बोल कर नकल करायी जा रही थी

– केंद्र व्यवस्थापक ने सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद शिकायती पत्र भेजकर
की जांच की मांग

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। शहर के बाल शिक्षा सदन कन्या इंटर कॉलेज की केंद्र
व्यवस्थापिका रीता गुप्ता ने बीएसए राम सिंह ओर उनके सहायक अध्यापक पर
बोर्ड परीक्षा प्रभावित करने का आरोप लगाया है। बीएसए पर जांच के नाम पर
20 मिनट तक बच्चों का समय बर्बाद करने व कक्ष निरीक्षकों से दुर्व्यहार
करने की भी शिकायत माध्यमिक शिक्षक परिषद के सचिव से पत्र भेज कर की है।
यह भी बताया है कि जांच के नाम पर रुपये मांग रहे थे। रुपये न देने पर यह
सारा खेल खेला गया है।

सचिव को भेजे गए शिकायती पत्र में केंद्र व्यवस्थापक रीता गुप्ता ने
बताया है कि कहा है कि 22 फरवरी को बोर्ड परीक्षा में इंटरमीडियट भौतिक
विज्ञान की परीक्षा चल रही थी। इस बीच बीएसए राम सिंह व उनके साथ एक
सहायक भी पहुंचे। इसके बाद जांच के नाम पर 15-16 छात्राओं का प्रश्नपत्र
लेकर स्कूल के कार्यालय में जाकर बैठ गए। इस पर जब नियम का हवाला देकर
प्रश्न पत्र की मांग की गई तो उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते उल्टा
सीधा कहा। साथ ही अभद्रता भी की। उनके साथ जो शिक्षक था, उसने भी
दुर्व्यवहार किया।

शिकायत के मुताबिक 20 मिनट बाद प्रश्न पत्र को छात्रों को न देकर कमरे
में फेंक दिया। इसकी वजह से छात्रों का 20 मिनट की परीक्षा प्रभावित हुई।
इसके बाद 25 फरवरी को फिर से वह इंटरमीडिएट गणित की परीक्षा में आए। आरोप
लगाया है कि जाते-जाते उन्होंने मुझे अपने गाड़़ी में बैठाया और अपने
कमरे में मिलने की बात कहते हुए रुपये की डिमांड भी की। इसके अलावा
उन्होंने कक्ष निरीक्षकों का पहचान पत्र भी निकालकर अपने पास रख लिया।
मामले की जांच करते हुए कार्रवाई की जाए।

कार्रवाई के लिए भेजी गई है रिपोर्ट, इसलिए लगा रहा आरोप
बीएस राम स‌िंह ने बताया कि बाल शिक्षा सदन कन्या इंटर कॉलेज में बोलकर
नकल कराय जा रहा था। मामले की जांच में यह बात सामने आई है। इसकी शिकायत
डीआईओएस सहित डीएम से की गई है। बताया कि जिस दिन ‌‌भौतिक विज्ञान का
पेपर था। उसी दिन कक्ष निरीक्षक भी भौतिक विज्ञान का था, जो गलत है। जबकि
जांच के दौरान मजिस्ट्रेट की टीम भी थी। मामले की शिकायत की गई है। इसलिए
ऐसे निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं।

 

 

 

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