सहानुभूति की लहर के सहारे गांव गांव चुनावी नाव चला रहे हरिशंकर सिंह
नज़ीर मलिक
सिद्धार्थनगर। इटवा सीट से बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार हरिशंकर सिंह अपने क्षेत्र में सटीक सवाल उठा कर अपना प्रभाव बढाते चले जा रहे हैं। वे अपनी पूर्वे पार्टी भाजपा से लगातार सवाल कर उसे कटघरे में खड़ा कर रहे हैं, जिसका नतीजा है कि अनेक गवई कार्यकर्ता भाजपा छोड़ कर हरिशंकर सिंह के पीछे लामबंद होने लगे हैं। जिसके कारण बसपा नेता हरि शंकर सिंह मुख्य चुनावी संघर्ष में अग्रणी होते दिख रहे है।
जनसम्पर्क से उत्साहित हैं हरिशंकर सिंह
बसपा से टिकट पाने के बाद से लगभग सैकड़ों का दौरा कर चुके हरिशंकर सिंह अपने पीछे जनता का हुजूम देख कर बेहद उत्साहित है। वे बड़ी शालीनता के साथ जनता से पूँछते है कि पांच सालों में क्या हुआ? क्या पेट्रोल डीजल 35 रूपये लीटर हो गया, क्या फसलों की कीमत दूनी हो गई, गरीबों को फ्री सिलेंडर का दावा करने वाली सरकार ने उसका दाम 1000 रुपया कर दिया यही नहीं कमाने वालों की नौकरियां छीन लीं। नौजवान बेरोज़गार होकर दर दर भटक रहा है। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी को कौन वोट देगा?
उन्होंने भाजपा को झूठों और मक्कारो की पार्टी बताए हुए कहा कि पैसे के लालच में भजपा आपने निष्ठावान कायकर्ताओं को धोखा देने में नही चूकती। 2007 में जब भाजपा कमज़ोर थी पार्टी ने उन्हें टिकट दिया और वे लड़ कर हारे। परन्तु अगले चुनाव में उन्होंने एक गैर राजनीतिक व्यक्ति को टिकट बेच दिया। 2017 में उन्होंने फिर मेरा टिकट काट, मगर जीत हासिल करते ही उन्होने भ्रस्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, ये जनता जानती है। बावजूद भाजपा ने उन्हें टिकट दिया तो मुझे बहन जी की पार्टी में जाना पड़ा।
जनता भाजपा को सबक सिखाएगी
वे लोगों को समझाते हैं कि भारतीय जनता पार्टी किसान, बेरोज़गार तथा जन विरोघी ही नही पार्टी में निष्ठा रखने वाले कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघत करने से नही चूकती है। अतः इस चुनाव में जनता उसे सबक सिखाने को तैयार दिखने लगी।बाहर हाल हरिशंकर सिंहके साथ चलने वालों में अनेक भजपा के प्रतिबद्ध चेहरे हैं। उन्हें देख कर भाजपा में सेंध लगने की आशं से इनकार नही किया जा सकता। हरिशंकर सिंह कहते हैं कि इलाके की जनता भोली नही है,वह सब समझती है। इसलिए इस बार उन्हें जिता कर भाजपा को सबक ज़रूर सिखाएगी।