बस्ती मंडल में टिकटः कुशल बने बसपा प्रभारी, आफताब निश्चिंत, बस्ती में पेंच फंसा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सपा बसपा गठबंधन में अपने हिस्से के टिकट फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। समय समय पर इसकर चरणवार घोषणा भी होती रहेगी। लेकिन बस्ती मंडल की तीनों लोकसभा सीटों की हिस्सेदारी फाइनल चुकी है। यह सीटें बसपा के खाते में गई है। इन पर बसपा में उम्मीदवारी को लेकर भी लगभग सहमति बन चुकी है। हालांकि बस्ती सीट पर सपा के एक नेता द्धारा अभी भी चोर दरवाजे से आने की कोशिशें जारी हैं।
संतकबीर नगर में कुशल बने लोकसभा सीट प्रभारी
बसपा के सूत्रों के अनुसार मंडल की संतकबीर नगर की सीट को लेकर सबसे ज्यादा उहापोह था। इसका मुख्य कारण संतकबीर नगर के एक नेता द्धारा यहां टिकट के लिए बनाया जा रहा दबाव था। दूसरे इस सीट से बसपा टिकट के दावेदार कुशल तिवारी यहां से बसपा लोसभा प्रभारी भी घोषित नहीं थे। वास्तव में बसपा में प्रभारी ही अंत में प्रत्याशी होता है।
बताया जाता है कि गत चुनाव में इस सीट पर बसपा के पूर्व सांसद कुशल तिवारी दूसरे स्थान पर थे। लेकिन सपा नेता द्धारा बनाऐ जा रहे दबाव और पूर्व सांसद कुशल तिवारी के प्रभारी घोषित न होने के करण इस सीट की प्रत्याशिता अनिश्चित थी । लेकिन कल मायावती द्धारा कुशल तिवारी को अधिकृत रूप से संतकबीर नगर लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी घोषित कर सभी अटकलों को विराम दे दिया। इस घोषण के बाद कुशल के खेमे में उत्साह छा गया है। उनके समर्थक जगह जगह मिठाइयां बांट कर खुशी का इजहार कर रहे हैं।
डुमरियागंज, आफताब ही एकमा़त्र विकल्प
जहां तक डुमरियागंज लोकसभा सीट का सवाल है वहां पर बसपा नेता आफताब आलम को मायावती ने डेढ़ वर्ष पूर्व लोकसभा प्रभारी बनाया था। आफताब आलम पूर्वी उत्तर प्रदेश में मायावती के करीबी मुस्लिम सिपहसालारों में माने जाते हैं। उनका टिकट भी फाइनल है, यह और बात है कि कभी पीस पार्टी के डाक्टर अयूब या सपा से माता प्रसाद पांडेय, चिनकू यादव की दावेदारी की खबरें आती रहती हैं। लेकिन गत चुनाव में यहां बसपा कर दूसरे नम्बर पर रहना और आफताब आलम का मायावती के विश्वास में होना उनकी सियासी पूंजी है। आफताब आलम की क्षेत्र में सक्रियता देख कर अनुमान लगाया जा सकता है कि वह अपने टिकट को लेकर कितने कान्िफडेंस में हैं।
बस्ती सदर सीट का हाल
बसती मंडल में बस्ती सदर की सीट की हालत थोड़ी पेंचीदा है। पिछले चुनाव में इस सीट पर बसपा तीसरे नम्बर पर रही थी। इस लिहाज से उसका दावा कमजोर था, लेकिन वे अपने पुराने नेता राम प्रसाद चौधरी को यहां से लड़ने की तैयारी करा रही थीं। इसके लिए उन्होंने अखिलेश को इशारा भी कर दिया था। बताया जाता है कि राम प्रसाद चौधरी भी अपने टिकट को लेकर लगभग निश्चिंत थे, लेकिन खबर है सपा के एक ताकतवर नेता अखिलेश के दरबार में दबाव बनाने के अलावा चोर राते से मयावती के यहां भी घुसपैठ कर रहे हैं।
खबर है बसपा के कुछ नेता इस काम में सपा नेता की मदद कर रहे हैं। ऐसे में यहां माना जा रहा है कि निकट भविष्य में अगर बस्ती मंडल में कोई उलटफर हुआ तो बस्ती सदर सीट पर मुमकिन हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि टिकटों की घोषणा का काम मार्च से पहले संभव नहीं, तब तक उम्मीदवारों/ दावेदारों के दिलों की धड़कन नापते रहिए।