आधी रात को दो युवा बहनों ने किसलिए छोड़ दिया अपना घर, दारोगा ने कैसे बचाया उन्हें

April 22, 2021 1:21 PM0 commentsViews: 1443
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अजीत सिंह

ऐसे ही था दोनों बहनों का दर्द भा जीवन- फोटो नेट से साभार

डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर। । दो सगी बहनों ने एक राय होकर घर से निकल जाने का फैसला ले लिया। वे दोनों रात में ही घर से बाहर निकल गईं। उनका  इरादा जान देने का था अथवा घर से भाग जाने का था या कुछ और यह तो केवल वही जानती थीं।  लेकिन सौभाग्य से घर से आठ किमीं. दूर वे गश्ती पुलिस के हाथ पड़ गईं। पुलिस ने दोनों को रोका, कुछ न बताने पर पुलिस उन्हे थाने पर ले आयी। इतनी रात में घर से निकलने का कारण जाना और फिर परिजनों को लेकर जाकर सौंपा। उन्हें चेतावनी भी दी। मामला डुमरियागंज थाना क्षेत्र के जमौता गांव का है।

बताया जाता है कि रात 11 बजे दोनों युवावस्था की दोनों बहने अपने गांव जमौता से चल कर रात के सन्नाटे में डुमरियागंज पावर हाउस तक पहुंच गई। इसी दौरान रात्रि गश्त पर निकले डुमरियागंज इंस्पेक्टर की नजर उन दोनों बहनों पर पड़ी। जिसके बाद उन्होंने डायल-112 नंबर की पीआरवी महिला सिपाही को भी वहां बुला लिया। दोनों बहनों से महिला सिपाही ने पूछताछ की तो दोनों कुछ नहीं बोली। इसके बाद इंस्पेक्टर डुमरियागंज उन दोनों को थाने पर ले आए। लाख प्रयास करने जब उन्होंने कुछ नहीं ताया तो महिला सिपाही ने उनकी संवेदना को कुरेदा आखिर में उन्होंने सच्चाई उगल ही दी।

तो आखिर क्या था रहस्यमय मामला

पुलिस को दिए गये बयान के अनुसार डुमरियागंज क्षेत्र के जमौता गांव की उन दोनों लड़कियों के पिता नहीं थे। ऐसे में उसकी भाभी भाई को गुराह कर उनका उत्पीड़न कराती रहती थी। मंगलवार को भी उन बहनों की किसी बात पर भाई और भाभी से कहासुनी हो गई। लड़कियों के मुताबिक उनके भाई और भौजाई मिल कर आए दिन उनका उत्पीड़न करते थे। उन्हें मारते पीटते और ताना देते रहते थे। इससे उन दोनों का जीना मुहाल हो गया था। मंगलवार को जब फिर भाई और भौजाई ने उनका उत्पीड़न किया तो उन्हें बचाने वाला कोई न था। बाप थे नहीं, मां कमजोर और बुतुर्ग थी। फलतः बिना किसी को बताए वे चुपके से आधी रात को घर से निकल पड़ी। उनका मकसद नदी में कूद कर, किसी पेड़ पर लटक कर अथवा किसी वाहन के सामने आकर जान देने के था। वह दोनों गांव से करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर थीं कि अचानक पुलिस वाले मिल गये।

पुलिस का मानवीय पहलू

सारी कहानी सुन कर इंस्पेक्टर डुमरियागंज द्रवित हो गये। मानवीयता के नाते खुद उन्होंने दिलचस्पी लेकर रात साढ़े बारह बजे पुलिस भेज कर लड़कियों की मां, उनके भाई और बहनोई को थाने पर बुलाया। सारी स्थिति की जानकारी लिया। जिसके बाद भविष्य में किसी प्रकार का विवाद न हो आदि बातों को समझा बुझाकर दोनों बहनों को उनके साथ घर भेज दिया। सवाल है कि यदि रात में लड़कियां किसी गलत हाथ में प़ड़ जातीं तो क्या होता? भाई भाभी जैसे अमानुषों ने यह भी नहीं सोचा।

इस बारे में प्रभारी निरीक्षक डुमरियागंज केडी सिंह ने बताया कि आधी रात को सूनसान सड़क पर दोनों बहने जा रही थीं। शक होने पर दोनों को रुकवाया गया था। मामले की जानकारी होने पर उनको परिजनों को बुलाकर इस घटना की पुनरावृत्ति ना हो यह कह कर उन्हें सौंप दिया गया है। साथ ही सभी को मिलजुलकर रहने के लिए प्रेरित भी किया गया है।

 

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