एके 47 प्रकरणः पुलिस की चार टीमें दस दिन से भूसे के ढेर में सूई तलाश रहीं
आरिफ मकसूद
इटवा, सिद्धार्थनगर। तीन फरवरी की रात थाने से गायब एके 47 की तलाश में पुलिस के हाथ अभी तक निराशा ही लगी है। पिछले दस दिनों से पुलिस की 4 टीमें थाना परिसर सहित आस पास के गड्ढे तक छान चुकी हैं। लेकिन उसे कुछ हासिल नही हुआ। आखिर रायफल को जमीन खा गई या आसमान। पुलिस अब रायफल चोरी प्रकरण को लेकर अवैध असलहे के सौदागरों का इतिहास भुगोल खंगाल रही है। सच कहें तो इटवा थाने से गायब एके 47 रायफल ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था को बेनकाब कर दिया है।
असलहे के सौदागरों पर टिकी पुलिस की नज़र
इटवा थाने के मालखाने से एके 47 गायब हुए 10 दिन हो गए हैं पर पुलिस के हाथ अब तक कोई सुराग नही लग पाया है । इससे निराश पुलिस की नज़र अब असलहों के सौदागरों पर टिकी है। उनका मानना है कि इन सौदागरों तक पहुँच जायें तो एके 47 मिल सकती है। पुलिस असलहों के सौदागरों तक पहुंचने के लिए मुखबिरों का सहारा ले रही है।
वैमनस्यता को वजह मान पुलिस अंधेरे में छोड़ रही तीर
पुलिस के अफसर थाने से एक47 की गायब होने की वजह निजी बातचीत में वैमनस्यता मान रहे हैं । इसे आधार बनाकर पुलिस महकमे के लोग थाना परिसर में निरन्तर असलहा ढूढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। अंधेरे में ऐसा कोई सुराग नही मिल रहा है जिससे वह गायब असलहे तक पहुंच सकें।
बढ़ती जा रही है थाने में तैनात जवानों की परेशानी
थाने में तैनात जवानों के चेहरे एके 47 गायब होने से उदास है। हर चेहरे पर ख़ौफ़ का साया है । अनजान चेहरों की करतूतों ने पूरे थाने के चेहरों पर मायूसी की बादल छा दिया है । उनकी परेशानी दिन ब दिन बढ़ती जा रही है ।