फसलों के लाभकारी मूल्य के समर्थक थे चौधरी चरण सिंह- अजय चौधरी

December 24, 2019 1:11 PM0 commentsViews: 183
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अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर, किसानों, गरीबों, पिछड़ा वर्ग, दलितों,अल्पसंख्यक व महिलाओं की तरक्की पूर्व प्रधानमंत्री स्व.चौधरी चरणसिंह की देन है। वर्तमान की भाजपा सरकार के पूंजीवादी सोंच  और उनके हिमायती नीतियों से सबसे अधिक परेशान बदहाल देश का अन्न दाता किसान ही हैं। 

यह बातें समाजवादी पार्टी के निवर्तमान जिलाध्यक्ष अजय चौधरी ने कहीं। वह सोमवार को समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 117वीं जयंती के अवसर पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चौधरी साहब के राजनीति में प्रभावी दखल से पहले किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी कोई व्यवस्था अमल में नहीं थी। वह किसानों की उपज के लाभकारी मूल्य के पक्षधर थे। ताकि जिस प्रकार वस्तुओं की लागत पर लाभ जोड़ कर मूल्य तय होता है, उसी प्रकार फसलों के दाम तय हो सकें।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनमाने तरीके से किसानों की फसलों के दाम घोषित किया करती थी। उनके कार्यकाल में आढ़तियों की भूमिका पर अंकुश लगा और किसानों की सहमति भी आवश्यक बनाई गई। वित्त मंत्री बनने के बाद उन्होंने नाबार्ड की व्यवस्था की जिससे किसानों को कर्ज मिलने की प्रक्रिया आसान हुई और सूदखोरों पर लगाम लगी।

श्राद्धांजलि सभा में  पूर्व विधायक लालजी यादव व विजय पासवान तथा निवर्तमान जिला उपाध्यक्ष अनूप यादव ने भी चौधरी चरणसिंह के विचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डाक्टर राम मनोहर लोहिया के समाजवाद को आगे बढ़ाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव चरणसिंह के सपने को साकार करने के लिए अपने कार्यकाल में जी-जान से जुटे थे। गोष्ठी को पूर्व जिलाध्यक्ष राम चंद्र यादव, तौलेशवर निषाद, मुरली धर मिश्र, पूर्व उपाध्यक्ष सयुस कमाल अहमद, पूर्व नपाध्यक्ष चमन आरा राइनी, चंद्र मणि यादव, विजय यादव, सोनू यादव, सदर विस क्षेत्र के निवर्तमान अध्यक्ष जोखन चौधरी, उपाध्यक्ष कलाम सिद्दीकी, डॉ धीरेंद्र यादव आदि ने संबोधित किया।

इसके अतिरिक्त केदारनाथ जायसवाल, सतीश चौधरी, रमजान अली, के पी सिंह, रोहित श्रीवास्तव, हारुन भाई, महताब आलम, सोहन लाल पांडेय, जर्नादन पांडेय, राधेश्याम वर्मा,  दिनेश यादव, वीके, रंजीत आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के पूर्व सभी ने चौधरी चरण सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

 

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