अस्मिता के दौरे ने बढ़ाया चिल्लूपार का सियासी तापमान
नजीर मलिक
गोरखपुर। यूपी की चर्चित सीट चिल्लूपार को लोग उसकी विधानसभा के नाम से कम पूर्वांचल के बाहुबली नेता व पूर्वमंत्री पण्डित हरिशंकर तिवारी की पारिवारिक सीट के नाम से ज्यादा जानते हैं। उस सीट से हरिशंकर तिवारी के दूसरे बेटे विनय शंकर तिवारी बसपा से एमएलए हैं। अब तक उनके और उनके परम्परागत प्रतिद्धंदी व भाजपा के पूर्वमंत्री राजेश त्रिपाठी के बीच मुकाबला होता रहा है। परन्तु उस सीट पर बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष अस्मिता चन्द के तूफानी दौरे ने माहौल में अचानक सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। जानकार कयासबाजी कर रहे है कि ऊपर से किसी के ठोस आश्वासन के बिना अस्मिता चन्द्र का एक पूर्व मंत्री की पारम्परिक सीट पर आकर सक्रिय होना अकारण नहीं हो सकता।
अस्मिता चन्द विगत डेढ़ साल से चिल्लूपार में लोगों से मिल जुल और उनके सुख दुख में शामिल हो रही थीं। उस क्षेत्र से उनका नाता रिश्ता होने के कारण उनका मिलना जुलनाअस्वाभाविक भी नहीं था। लेकिन हाल के दिनों से उनकी तेजी और सियासी गतिविधियों से जहाँ बीजेपी से ही टिकट मांग रहे अन्य दावेदारों में खलबली है, वहीं बसपा के लोग भी अपना कील कांटा दुरुस्त करने लगे हैं। बता दें कि अस्मिता का सौम्य व्यवहार और हर जात धर्म मे उनकी लोकप्रियता कहीं न कहीं बीजेपी के अन्य दावेदारों पर भारी पड़ेगी।
बताते हैं कि गोखपुर जिले की नौ विधानसभा सीटों में कम से कम एक सीट पर इस बार महिला को उतारने का इरादा है। इस आशय की जानकारी मिलते ही अस्मिता के समर्थक उन्हें अभी से मैदान में सक्रिय करने लगे। अस्मिता के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सजातीय होने से भी माना जा रहा कि चिल्लूपार में इस बार बीजेपी की प्रतिष्ठा अस्मिता के हवाले की जा सकती है। फिलहाल इतना तो तय है कि अस्मिता के आने से इस बार चुनाव के पहले ही महौल में गर्मी आ गयी है। फिलहाल यह तो वक़्त बतयेगा की प्रदेश की इस हाई प्रोफाइल सीट पर बीजेपी की अस्मिता को अस्मिता चंद बचाएंगी अथवा भाजपा व बसपा के नेता तिवारीद्धय में से कई भी उनकी अस्मिता पर चोट करने में सक्षम हो सकेंगे।