नवम्बर में हो सकते हैं ग्राम प्रधान के चुनाव, गांवों में सियासी हलचल बढ़ी

July 9, 2020 11:56 AM0 commentsViews: 1260
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— पंचायतराज मंत्री बोले भूपेन्द्र सिंह बोले, तैयारियां ठीक रहीं सब कुछ समय से सम्पन्न हो जाएगा

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। आगर सब कुछ ठीक रहा तो उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव नवम्बर हो सकते हैं। सरकार ने भले ही चुनावों की अधिकृत घोषण न की हो, मगर प्रशासनिक स्तर पर चुनावों के लिए की जा रही तैयारियों से कम से कम इतना संकेत तो मिल ही जाता है कि निकट भविष्य में चुनाव होने हैं।   

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों को ध्यान में रख कर मतदाता सूची तैयार करने के लिए लगभग 5 सौ करोड़ रुपये पहले ही दिये जा चुके हैं। इसके अलावा चुनाव लड़ने की पात्रता के लिए कुछ नये नियम बनाने से भी चुनाव का समय निकट ही लगता है। इस बार ग्राम प्रधानों द्धारा समूर्ण आय व्यय का का नो डयूज न देने वाले किसी भी दशा में चुनाव लड़ सकेंगे। पहले इन नियमों में ढील थी। सूत्र बताते है कि इस बार इसमें रत्ती भर ढिलाई नहीं चल सकेगी।

पता चला है कि कुछ ग्राम सभाओं का कुछ हिस्सा नगरीय क्षेत्रों में चला गया है। सो उन क्षेत्रा में ग्राम पंचायतों का फिर से परिसीमन किया जा रहा है। इस काम में बरती जा रही तेजी भी ग्राम पंचायतों के चुनाव का संकेत दे रही हैं। राजनीति में गहरी पकड़ रखने वाले ग्राम प्रधान इसे समझते भी हैं। इसलिए ऐसे गांवों में राजनीतिक सरगर्मियां भी बढ़ गईं हैं।

सिद्धार्थनगर में भी सत्ता पक्ष से जुड़े ग्राम प्रधान भी चनाव को सम्भावित मान कर अपनी तैयारियों में लग गये हैं। मुम्बई से आकर चुाव लड़ने अथवा लड़वाने वाले तमाम लोग इस समय करोना के कारण गांवों में हैं। ऐसे वे वे काफी सक्रिय होने लगे हैं। चुनाव आयोग भी ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की सूचियां पहुंचाई जा रही है, जो अपने आप ही चुनाव का संकत दे रही हैं।

उधर पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह पहले ही कह चुके हैं कि ‘वैसे भी मौजूदा ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 26 दिसम्बर तक है। क्षेत्र पंचायतों का अगले साल जनवरी के अंत तक और जिला पंचायतों का अगले साल मार्च तक कार्यकाल है। इस नाते अभी पर्याप्त समय है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगर जुलाई से भी चुनाव की तैयारियों ने तेजी पकड़ी तो सब कुछ समय से होता चला जाएगा’। 

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