चुनाव चर्चाः उम्मीदवारों, सपोर्टरों की नींद छिनी, सभी बोल रहे अपना वाला जीतेगा
अनीस खान
सिद्धार्थनगर। चुनावी मतगणना में अभी एक सप्ताह बाकी है। इस दौरान उम्मीदवार और उनके मददगारों की नींद हराम है। कौन जीतेगा, कौन हारेगा, इस सवाल को लेकर गांवों कस्बों में बहस-मुबाहिसा जारी है। कई बार तो बहस के दौरान लडाई झगड़े तक की नौबत आ जाती है।
जिले के बर्डपुर ब्लाक के बर्डपुर नम्बर एक, बर्डपुर नम्बर 11, 12, 13 डुमरियागंज ब्लाक के कादिराबाद, बिथरिया और बहेरिया, इटवा ब्लाक के इटवा, बिस्कोहर जैसे गांवों के प्रधानी की हार-जीत चर्चा का विषय है।
कदिराबाद में विधायक मलिक कमाल यूसुफ के भतीजे फुजैल मलिक जीतेंगे या पटृटीदार मलिक रियाजुद्दीन? बहेरिया में भाजपा के प्रखर हिंदुत्ववादी नेता अभयराम की पत्नी जीतेंगी या उनका पटृटीदार छोटे पांडेय, बर्डपुर नम्बर एक में बसपा के विधानसभा के घोषित उम्मीदवार अमर सिंह जीतेंगे या उनके विरोधी? यह सवाल पूरे इलाके में चर्चा का विषय है।
ग्राम बिथरिया में भी मलिक अकरम और मलिक कल्लू में लडई है। मुब्ई से तकरीबन ५०० सौ लोग अपने करीबी उम्मीदवार को जिताने के लिए आ गये हैं। वह भी सडक की चाय पान की दुकानों पर अपने अपने समर्थर्कों के पक्ष में चर्चा में मशगूल हैं।
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बर्डपुर 11, 12 और 13 नम्बर का चुनाव मधुबेनियां चौराहे पर जबरदस्त चर्चा का विषय है। यह जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायतें हैं। इन ग्राम पंचायतों में औसत 7 हजार वोटर हैं। इनके समर्थक दिन भर सैकड़ों खर्च कर अपने उम्मीदवार के पक्ष में आंकड़े पेश कर रहे हैं।
मधुबेनियां चौराहे पर बर्डपुर नम्बर 11 पर बहस कुछ ज्यादा है। 6500 वोटर वाली ग्राम सभा में अल्ताफ खान, फारूक खांन, मनोज पांडेय, फारूख मेकरानी व इनामुल्लाह के समर्थक कुछ ज्यादा मुखर हैं और हारजीत पर बाजियां लगा रहे हैं।
कादिराबाद और बिथरिया के मलिक प्रत्याशियों पर लंबा दांव है। हजारों की शर्तें लग चुकी हैं। बहेरिया का भी यही हाल है। समथर्कों को 13 तरीख यानी मतगणना के दिन का इंतजार है। मगर कमबख्त 13 तारीख दूर है। सभी की नींद चैन हराम है। अभी यही बेचैनी एक हफ्ता और चलेगी।