बांसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं सपा नेत्री व पूर्व नपा अध्यक्ष चमनआरा राइनी
पांच प्रमुख दावेदारों में से भाजपा के एक नेता भी हैैंं टिकट केे इच्छुुक
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर।बाहरी तौर पर भले ही न दिखे, मगर उत्तर प्रदेश के के प्रमुख दलों से चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले राजनतिबाज अभी से टिकट के जुगाड़ में लग गये हैं। इस क्रम में जिले के बांसी विधानसभा क्षेत्र में सपा की राजनीतिक गतिविधियां बढ़ने लगी है। खबर है पूर्व नपा अध्यक्ष चमनआरा राइनी ने भी सपा से टिकट दावेदारी जताना शुरू कर दिया है। परिस्थतिजन्य हालात के मद्देनजर उनकी दावेदारी मजबूत हो सकती है।
समाजवादी पार्टी के गठन के समय से ही बांसी विधानसभा क्षेत्र से लालजी यादव ही सदा चुनाव लड़ते रहे हैं। इस सीट पर कभी किसी वर्ग के सपा नेता ने टिकट की दावेदारी नहीं की। सभी को इस बात का पता था कि जब तक लालजी यादव स्वयं ही चुनाव लडने से इंकार न कर दें तब तक इसी सीट से किसी को टिकट का सपना देखना सिर्फ सपना ही रहेगा। लकिन इस बात हालात कुछ दूसरे हैं,लिहाजा दावेदारों की तादाद बढ़ना स्वाभाविक ही है।
अखिलेश जिताऊ उम्मीदवार को ही देंगे टिकट
दरअसल इस बार लाल जी यादव को पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुताबिक आगामी चुनाव में किसी भी जिलाध्यक्ष को पार्टी का टिकट नहीं मिलने वाला है। अखिलेश यादव की इस मंशा के बाद बांसी सीट से चुनाव लड़ने के कई इच्छुक मैदान में ताल ठोंकते दिखने लगे हैं।पहले खबर यह थी कि सम्भवतः मुस्लिम बहुल डुमरियागंज सीट से सपा किसी मुस्लिम को टिकट देगी।
ऐसे में वहां से सपा प्रत्याशी रहे राम कुमार उर्फ चिनकू को पार्टी बांसी ट्रांसफर कर देगी। लेकिन अब सूत्र बताते हैं कि अब बांसी सीट पूरी तरह खुली है, और यहां से कोई भी चुनाव लड़ सकता है। बस अखिलेश यादव को यह बात समझ में आनी चाहिए कि कैंडीडेट धन व जन से मजबूत और जीत सकने में सक्षम है। दरअसल इस बार अखिलेश यादव जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट देंगे, भले ही वह किसी अन्य दल से आ रहा हो।
दावेदारी के लिए कौन कौन लोग हैं
इस सूचना के छन कर बाहर आते ही बांसी में टिकट के दावेदारों में होड़ लग गई है। इस समय वहां सेटिकट के तकरीबन पांच दावेदार हैं। इनमें डुमरियागंज के फेरबदल स्वरूप चिनकू यादव तो हैं ही। इसके अलावा बांसी क्षेत्र के सपा नेता कमाल अहमद, बांसी की पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष चमनआरा राइनी, हैं। कुछ लोगों के मुताबिक स्वयं जिलाध्यक्ष लालजी यादव के पुत्र भी हैं। हालिकि खुद लाल जी यादव ऐसी नहीं मानते है।
इसके अलावा एक आश्चर्यजनक दावेदार भाजपा से भी हैं।वह एक प्रभावशाली परिवार से हैं और सवर्ण हैं। इसलिए भाजपा के जयप्रताप सिंह को सिर्फ वहीं हरा सकते हैं। दरअसल उक्त नेता जी को भी पता है कि उन्हें स्वास्थ्यमंत्री जयप्रतापसिंह के रहते भाजपा का टिकट मिलना असंभव है। अतः वे बड़े गोपनीय तरीके से अपने तार सपा के आलाकमान से जोड़ने की मुहिम में लगे हैं।
क्या है चमनआरा का मजबूत पक्ष
लेकिन इन सबमें कागजों पर चमन आरा का समीकरण मजबूत दिखता है। वह एक पढ़ी लिखी र्निविवादित महिला हैं तथा नगरपालिका बांसी का चुनाव जीत चुकी हैं। वह पढ़ी लिखी तथा विकास कार्यों में दिलचस्पी रखने वाली नेता के रूप में जानी जाती हैं। इसे नपा अध्यक्ष के रूप में उन्होंने प्रमाणित भी किया है। सबसे बडी बात है कि वह पिछिड़ा वर्ग से मुस्लिम महिला हैं। इसलिए वह पिछड़ा, मुस्लिम व महिला क्लास का प्रतिनिधित्व करती हैं। वह निष्ठावान सपाई घराने से तल्लुक रखती है तथा उनकी सपा के प्रति प्रतिबद्धता जगजाहिर है।
चमनआरा ने कहा
वह खुद कहती हैं कि मै चुनाव लड़ने और जीतने में सक्षम हूं। सो पहले तो मै खुद के लिए टिकट चाहूंगी और उसके खातिर शक्ति भर प्रयास करूगी। लेकिन किसी कारणवश यदि पार्टी ने किसी अन्य को टिकट दिया तो सच्ची समाजवादी के नाते उनकी मदद करूंगी।