पंचायत चुनावः हाईकोर्ट के फैसले से गांवों का माहौल बदला, कोई निराश तो कहीं खुशी की लहर

March 16, 2021 12:21 PM0 commentsViews: 899
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मेराज़ मुस्तफा

सिद्धार्थनगर । त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण को लेकर  हाईकोर्ट के नये फैसले के बाद ग्राम, ब्लाक व जिला पंचायत क्षेत्रों के राजनीतिक हालात बदलते नजर आ रहे हैं। अनेक चुनावी दावेदार जो पुरानी आरक्षण सूची के अनुसार लड़ने के लिए अर्ह थे, कोर्ट के नये अदेश के बाद आरक्षण सूची बदल जाने की आशंका में वह  निराश दिखने लगे हैं। इसी प्रकार वे दावेदार जो आरक्षण सूची के हिसाब से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो चुके थे, अब उनकी सक्रियता फिर बढ़ गई है। उनको आशा है कि नये आदेश क बाद उनके क्षेत्र की आरक्षण सूची में फिर से परिवर्तन हो सकता है।

जानकारी के मुताबिक हाई कोर्ट के आदेश के बाद जिले की लगभग 250 ग्राम पंचायतों, सौ बीडीसी व एक दर्जन जिला पंचायत सदरस्य क्षेत्रों  के आरक्षण के स्वरुप में परिवर्तन होने की आंशंका बढ़ गई है। इन क्षेत्रों में आरक्षण के हिसाब से तमाम दावेदारों ने चुनाव प्रचाार भी शुरू कर दिया था। और आरक्ष्ण के कारण चुनाव लड़ने से वंचित लोग निराशा होकर बैठ गये थे। लेकिन नये आदेश के बादइन क्षेत्रों में परिवर्तन की उम्मीद देखते हुए प्रचार मे जुटे दावेदार जहां आरक्षण के पुराने स्वरूप को बचाए रखने की जुगत में लग गये हैं वहीं बंचित हो चुके लोग नई उम्मीदों के साथ पुनः सक्रिय देखे जाने लगे हैं।

उदाहरण के लिए के जिला पंचायत वार्ड संख्या 12 से भावी प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद हाजी मोहम्मद मुक़ीम के मीडिया प्रभारी रह चुके कमाल अहमद विगत कई महीनों से क्षेत्र भ्रमण कर लोगों के मध्य स्वयं को स्थापित करने में लगे थे। इसका परिणाम भी दिख रहा था। क़माल अहमद अपने व्यवहार एवं पूर्व सांसद मोहम्मद मुक़ीम के नाम पर लोगों क बीच जगह बनाने में सफ़ल हो रहे थे, लेकिन अब आरक्षण प्रक्रिया नए सिरे से किए जाने के फैसले के बाद वार्ड संख्या 12 की स्थिति क्या होगी यह  27  मार्च तक ही स्पष्ट हे सकेगी। इसके बावजूद  क़माल का क्षेत्र भ्रमण पहले की ही तरह जारी है ।

इस विषय में क़माल अहमद ने कपिलवस्तु पोस्ट के मेराज़ मुस्तफा से वार्ता के दौरान कहा कि वे उच्च न्यायालय का फैसला सर्वोपरि एवं स्वागत करते हैं, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद क्षेत्र परिवर्तन के भय से वे क्षे़त्र नहीं छोड़ सकते। उन्हें चुनाव नहीं जनसेवा से लगाव है। बहरहाल उच्च न्यायालय द्वारा नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया के बाद क्या स्थिति बनेगी यह देखना दिलचस्प होगा । पंचायत चुनावों से सम्बंधित नवीनतम अपडेट के लिए जुड़े रहिए कपिलवस्तु पोस्ट के साथ ।

 

 

 

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