करोना के खौफ से भूखे प्यासे शहर से भागे, जिले में पहुंचे तो भी रोटी मयस्सर न हुई
निज़ाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। कोरोना के डर से महानगरों से पलायन कर अपने घर आने वाले लोगों को गांवों में घुसने देने के बजाए उन्हें निकटस्थ कोरंटाइन सेंटरों पर रखा गया है। जहां लोगों को न खाना मिल रहा है न ही सोने का समुचित इंतजाम किया गया है। ऐसे सेंटरों पर अफरा तफरी मची हुई है। दूसरी तरफ प्रशासन का कहना है कि प्रशासन उन्हें कोरोना का संभावित मरीज मान कर सुरक्षा की दृष्टि से एंसा कर रहां है।
उदहरण के लिए दिल्ली, मुक्बई व अन्य महानगरों से भग चलें लोगों के लिए कस्बा शोहरतगढ़ स्थित सेठ रामकुमार खेतान इंटर कॉलेज को भी सेंटर बनाया गया है जहां कल रात में दो सौ से अधिक लोगों को रखा गया है, जिनमें औरतें और बच्चे भी शामिल हैं। आज सुबह पता चला कि सेंटर पर खाने पीने रहने की कोई व्यवस्था नहीं है। सोने के लिए बिस्तर भी नहीं है। बताया जाता है कि सभी को रात में खिचड़ी खिलाई गई थी। सुबह एक छोटा पारले बिस्कुट का पैकेट दिया गया है, जिसमें आधे से ज्यादा लोग पाए भी नहीं। लोगों ने इसका विरोध किया है और प्रशासन से मांग की है उन्हें घर जाने दिया जाए ।
बताते चलें कि कोरोना वायरस को लेकर देश में लॉक डाउन की स्थिति है उसमें सिद्धार्थ नगर जनपद के हजारों लोग अपना कारोबार और नौकरी छोड़ चुके हैं अब उनके पास रहने खाने का कोई इंतेजाम न होने के कारण महानगरों से पलायन कर अपने घरों को आना चाहते हैं और बहुत सारे लोग आना चाहते हैं यही वह लोग हैं जिन्हें संभावित कोरोना का वाहक माना जाता है ऐसे लोगों के लिए जिला प्रशासन की तरफ से दो दर्जन से अधिक कोरेन्टीन सेंटर बनाया गया है ।