ब्रेकिंग न्यूजः दो डाक्टरों समेत 22 नये मरीज मिले, मुख्यालय पर भी दहशत, शहर का बेलसड़ क्षेत्र भी सील
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले में रविवार को कोरोना के 22 नये मरीज पाये गये हैं। इनमें कोरोना का इलाज करने वाले दो डाक्टर भी हैं। कोरोना की दहशत अब सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर भी पहुंच गई है। इस कारण नगर का बेलसड़ एरिया को सील कर दिया गया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार अब तक कोरोना से आठ लोग मारे गये हैं, जबकि मौतों का अनुमान इससे कहीं ज्यादा का लगाया जा रहा है। इस प्रकार जिले में कोरोना के मरीजों की तादाद 205 हो गई है। लोगों के अनुसार हालात खराब होने की ओर बढ़ रहे हैं।
मिली जानकरी के अनुसार शहर के बेलसड़ कोठी क्षेत्र में एक मरीज पाये जाने से आनन फानन में उस क्षेत्र को रेड जोन घोषित कर सील कर दिया गया है। वहां पुलिस का पहरा लगा कर आवागमन रोक दिया गया है। इस खबर ने शहरवासियों को दहशत में डाल दिया है। पहले यह दहशत केवल गांवों में थी।हरवासी अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहे थे। लेकिन शहर से सटे पोखरभिटवा गांव और उसके बाद शहर में ही कोराना मरीज मिल जाने से दहशत बढ़ गई है।
डाक्टर भी कोरोना से ग्रसित
सबसे गजबनाक बात यह है कि अब इस शैतानी संक्रमण से वे डाक्टर भी बचे नहीं पा रहे हैं, जो इसके इलाज का जिम्मा उठाये हुए थे। खबर है कि जिले में बनाया गया कोरोना अस्पताल (बर्डपुर) के आइसोलेशन वार्ड में काम कर रहे दो डाक्टर भी इस रोग से ग्रसित हो गये हैं। इससे लोगों में डर घर करता जा रहा है। गंगादेव कहते हैं कि जब उाक्टर सुरक्षित नहीं तो आम जनता के डरेगी ही।
तो क्या पोखरभिटवा से आया वायरस?
आशंका व्यक्त की जाती है कि जिला मुख्यालय के बेलसड़ कोठी के युवक में कोरोना का जो वायरस पाया गया है, वह उसे पड़ोस के ग्राम पोखरभिटवा से मिला था। बताया जाता है कि ग्राम पोखरभिटवा गांव का एक युवक कोरोना संक्रमित था। नतीजे में वह गांव सील कर दिया गया था। मगर शहर के बेल्सड़ कोठी का युवक उसका रिस्तेदार था और वह कई दिन उसके घर रहा था। जानकार बताते हैं कि उसे यह रोग वहीं से मिला।
क्यों नहीं लग पा रहा कोरोना पर अंकुश?
जिले में कोरोना पर अंकुश नही लग पाने का कारण जानकार टेस्ट न ही पाना बताते हैं। जिले की लगभग 29 लाख आबादी में प्रतिदिन सौ से भी कम लोगों की जांच हो पा रही है। जब जांच का प्रइतना कम होगा तो हालात खराब होंगे ही। ऊपर से अब सरकार ने दिन चर्या पर सख्ती भी हटा ली है, लोग खुले आम नियम नियम तोड़ रहे हैं। एक डाक्टर का कहना है कि टेस्ट का रेशियो अगर न बढ़ाया गया तथा सामूहिक मिलने जुलने पर रोक नहीं लगाई गई तो हालात खराब होंगे ही। वर्तमान में विवाह आदि के मौके पर सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ रही हैं और प्रशासन उस पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।