कोरोना के 132 नये मरीज मिले, संक्रमितों की तदाद 13 सौ, 57 पीड़ितों की हो चुकी मौत
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सावधानियां न बरतने तथा पंचायत चुनाव में की गई भागमभाग के नतीजे सामने आने लगे हैं। जिसके कारण जिले में कोरोना पॉजिटिव केस सहित गंभीर मरीजों की संख्या भी बढ़ती रही है। स्वास्थ विभाग की ओर से गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार 132 लोगों के सैम्पल में कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कोरोना सक्रिय केस की संख्या 1296 हो गई है, जबकि जिला अस्पताल के एमसीएच विंग में 32 गंभीर रोगियों को भर्ती किया गया है। इनमें कई लोग आक्सीन पर रखे गये हैं।
स्वास्थ्य विभाग वरा दी गई जानकारी के अनुसार गुरुवार को कोरोना संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई, जबकि जिले में कोरोना से कुल मौतों की संख्या 57 हो गई है। हालांकि आरोप यह भी है कि तमाम मौतों को अथिलेखोंं में दर्ज ही नहीं किया जाता है। बहरहाल विभाग की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को मिले नये केसों में बांसी में एक, बढ़नी में नौ, बर्डपुर में चार, भनवापुर में 14, डुमरियागंज में 12, इटवा में तीन, जोगिया में एक, खेसरहा में पांच, खुनियाव में सात, लौटन में 12, मिठवल में आठ, नौगढ़ में 40, शोहरतगढ़ में 13, उसका में दो एवं एक अन्य क्षेत्र के लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। कोरोना संक्रमित लोगों को होम आइसोलेट किया गया है, इनमें जिनकी तबीयत गंभीर हो रही है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के एमसीएच विंग में गुरुवार को तीन लोग इलाज के बाद स्वस्थ्य हो गए। मरीजों को डिस्चार्ज किया गया तो वे तनाव मुक्त दिख रहे थे। फिलहाल कोविड वार्ड में तीन गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है, जबकि 21 मरीज ऑक्सीजन बेड पर हैं। कोविड वार्ड के प्रभारी डॉ. अमित उपाध्याय के अनुसार गुरुवार दोपहर तक कोविड में चार गंभीर मरीजों को भर्ती किया गया। उनके मुताबिक सभी गंभीर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है और सामान्य मरीजों को दवा देकर होम आइसोलेट किया जा रहा है।
इस बारे में सीएमओ डॉ. आईवी. विश्वकर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। जागरूक लोगों की जिम्मेदारी है कि वे कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीकों को अपनाएं। जो गंभीर मरीज हैं उन्हें भर्ती किया गया है। हर दिन अस्पताल से ठीक होकर मरीज अपने घर जा रहे हैं। सभी को सतर्कता बरतने की जरूरत है। देह से देह की दूरी, सेनेटाइजर का प्रयोग तथा भीड़ भाड़ वाले स्थानों से बचाव ही एक मात्र बचाव है।