भयंकर चूकः कोविड टीके का पहला डोज कोविशील्ड का तो दूसरा कोवाक्सिन का लगा दिया कर्मियों ने
निजाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बढ़नी में कोविड-19 के टीकाकरण में विभागीय जिम्मेदारों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दोनों डोज लेने वाले 20 लोगों को अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीनेशन लगाया गया है। इसके चलते वैक्सीन का टीका लगवाने वालों में चिंता व्याप्त हो गई है। उनकी चिंता है कि कहीं यह गड़बड़ी उनके लिए जान लेवा न बन जाए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बढ़नी के प्रसव केंद्र औदही कलां में शुक्रवार को कोराना के छूसरे डोज का टीका लगाने के दौरान मालती देवी, छेदीलाल, सनेही, शहाबुद्दीन, मोहम्मद इकराम, रामसूरत, राधेश्याम शुक्ल, बेलावती, इंद्र बहादुर, रामकुमार, गोपाल, मुन्नी, अनारकली, चंद्रावती, सोमना, रामकिशोर, मालती देवी, रामप्रसाद, उर्मिला, नंदलाल चौधरी सहित कुल 20 लोगों को कोवाक्सीन का टीका लगा दिया गया। जबकि पहले डोज का टीका लगवाते समय उन्हें कोविडशील्ड का डोज दिया गया था।
गलत डोज का जिम्मेदार कौन
सूत्रों के मुताबिक आईसीएमआर की गाइड लाइन के अनुसार किसी भी व्यक्ति को लगने वाले दोनों डोज एक ही कंपनी के होने चाहिए। अलग-अलग कंपनी का डोज नहीं लगना चाहिए। इससेव्यिथ्कत को कई अन्य राग जनित कठिनाइयां हो सकती हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या पीएचसी बढ़नी पर वैक्सीन वितरण का काम कर रहे लोगों को इस गाइड लाइन के बारे में जानकारी नहीं है। अगर किसी को नुक़सान हुआ तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
क्या हो सकती है परेशानी
चिकित्सकीय सूत्रों के मुताबिक अलग-अलग कंपनियों की वैक्सीन लेने के बाद हल्का बुखार, शरीर में चकत्ते, घबराहट हो सकती है। इस संबंध में जब बढ़नी पीएचसी के एमओआईसी डा.एसके पटेल से बात किया गया तो उन्होंने बीस लोगों को अलग-अलग डोज लगने की बात से इंकार करते हुए कहा कि कोवाक्सीन कोने में रखा होने के कारण गलती से टीकाकरण स्थल पर चला गया था। इस संबंध में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि दोनों डोज एक ही कंपनी के होने चाहिए।अगर ऐसा हुआ है तो पता करवा रहा हूं।