दलित बुजुर्ग को अपमानित कर पिटाई करने के आरोपी ‘दबंग सेठ’ की गिरफ्तारी से कतरा रही पुलिस
आरिफ मकसूद
इटवा , सिद्धार्थनगर। स्थानीय थाना क्षेत्र के बिरवापुर गांव में एक दबंग सेठ द्धारा छत्रयाल नामक बुजुर्ग और दलित व्यक्ति को मारने पीटने के मामले में पुलिस द्धारा दबंग को गिरफ्तार न करना क्षे़त्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। गौर करने की बात है कि छोटे छोटे मामलों में मुकदमा दर्ज कर गरीब लोगों को जेल भेजने वाली पुलिस एससी एसटी जैसी गंभीर धारा के आरोपियों को क्यों नहीं अरेस्ट कर रही है, यह गौर करने की बात है।
बताया जाता है बिरवापुर गांव के एक दलित को मारने पाटने के आरोप में गांव के ही जमील अहमद व अकरम के खिलाफ एससीएसटी एक्ट समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था मगर अभियुक्त गांव में खुले आम घूम रहे हैं। गांव में वे मुम्बई के सेठ बोले जाते हैं। गांव वाले कहते हैं कि उन्होंने अपने प्रभाव का उपयोग कर पुलिस को चुप करा रखा है।
बतातें चलें कि विगत एक सप्ताह पूर्व ग्राम बिरवापुर निवासी छत्रपाल अपना बकाया पैसा मांगने गांव के दबंग सेठ के घर गये, तभी दबंग ने उन्हें पैसे देने से इनकार कर दिया और गाली गलौज कर अपने पिता के साथ मिलकर मारने पीटने लगा। पीड़ित ने उक्त घटना की लिखित शिकायत इटवा पुलिस को दी, पुलिस ने मीडिया के दबाव में अकरम और उसके पिता मोहम्मद जलील के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा तो दर्ज किया, लेकिन कार्यवाही करने के बजाय वह दबंगों को बचाने में पूरी तरह जुटी हुई है ।
इस बारे में पीड़ित समेत गांव वालों का कहना है कि अकरम गांव का दबंग टाइप का व्यक्ति है । इसके पास लाइसेंसी असलहा है, जिससे गांव में भय का माहौल बना कर रखता है । वह गांव के एक और व्यक्ति से भरोसे के आधार पर जमीन लिखवा लिया है, मगर पैसा मांगने पर दबंगई कर रहा है ।