डीएपी खाद के दाम में 3 सौ रुपए की वृद्धि से किसानों की नींद हराम, आगे कैसे कर पाएंगे खेती?
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। किसानों को आए दिन महंगाई की करारी मार का सामना करना पड़ रहा है। गैस और डीजल के बाद अब डीएपी के दाम में अचानक वृद्धि ने किसानों की कमर मोड़ दी है। खाद कंपनियों ने 50 किग्रा के बैग की कीमत में 300 रुपये का इजाफा कर 1500 रुपये प्रति बोरी कर दिया है। ण्ेसे में किसानों का यब सवाल वाजिब है कि आगे भविष्य में वै खेती किसानी कैसे कर पांएगे?
आपको बता दे कि हाल के दिनों में किसानों की खेती के लिए महत्वपूर्ण डीजल के दाम में भारी बढ़ोत्तरी की गई है। इसी के साथ उनके घरों में भोजन बनाने वाली गैस के दाम में भी वृद्धि कर 850 सिलेंडर कर दिया गया है। अब डीएपी के दामों में 3 सौ रूपये प्रतिबोरी दाम बढा कर किसानों पर मंहगाई का एक और चाबुक चला दिया गया। यहां के किसान कैलाश द्धिवेदी कहते हैं कि अब किसान के पास उसकी मेहनत के बाद फसल से लाभ की कौन कहे, उस की लागत भी निकल पाना कठिन होगा।
इस बारे में पीपुल्स एलाइंस के प्रदेश कार्यकरणी सदस्य इं शाहरुख अहमद ने कहा कि पिछले चार महीने से किसान दिल्ली में तीन कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहा है। अब किसानों को दोगनी मार का सामना डीएपी के दाम के वृद्धि से होगा। तीन कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है, ऊपर से डीएपी किसानों को जीने नहीं देगी। इसलिए सरकार डीएपी के वृद्धि दाम को किसानों के हित के लिए तुरंत रोके।
उन्होंने कहा कि गेंहू का कटान चालू हो गया। जिले में 51 क्रय केंद्र बनाएं गए हैं जोकि कम हैं। पीपुल्स एलाइंस संगठन की प्रशासन से मांग है कि क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए। जिससे किसान अपने उपज को आसानी से क्रय केंद्रों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकें।