गर्मी में बच्चों के शरीर में पानी वाले फलों का सेवन अधिक करना चाहिए- डा. फौद्दार
निजाम अंशारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। गर्मी आते ही सबसे पहला असर बच्चों पर दिखता है। बच्चों को दस्त और उल्टी की शिकायत रहती है। दस्त आने से बच्चे और जवान कमजोर हो जाते हैं जिसे मौके पर नीबूं ,चीनी, नमक और पानी का घोल देकर शरीर में पानी की जरूरत को पूरा किया जा सकता है। ध्यान रहे कि यह सब बीमारी की रोकथाम के लिए है न कि सामान्य रूप से इलाज। आज इन्ही सब बातों पर चर्चा के लिए हमारे साथ है खुनुवां बाजार के एक बेहतर इंसान के साथ साथ एक प्रसिद्ध डॉक्टर ऑफ द मंथ डा. फौद्दार खान से विशेष बातचीत
दस्त या डायरिया क्या है ?
पेट से जुड़ी आम समस्याओं में दस्त का नाम भी आता है। यह वो चिकित्सीय स्थिति है, जब टॉयलेट सामान्य से बिल्कुल पतला पानी की तरह निकलता है। आपको बार-बार टॉयलेट के चक्कर लगाने पड़ते हैं । दस्त को डायरिया और लूज मोशन भी कहा जाता है। इस अवस्था में शरीर में पानी और ऊर्जा की कमी होने लगती, जिससे मरीज कमजोरी महसूस करने लगता है।
यह स्थित जीवाणुओं और वायरस के संपर्क में आने से पैदा होती है, जिसमें जंक फूड्स, मसालेदार भोजन व मदिरा सेवन आदि आम कारक होते हैं। दस्त आने का कारण मुख्यरूप से भोजन की सुद्धता , खाने का वातावरण , शुद्ध पानी और हाथ धुलकर न खाने के कारण दस्त की समस्या आ सकती है खासतौर पर बरसात के मौसम में दस्त की शिकायत बढ़ जाती है।
दस्त डायरिया या लूजमोशन से कैसे बचाव करें ?
सबसे पहले जिन बच्चों या बड़ों को दस्त दो बार आ गया हो उनको खूब अच्छे से नहलाएं साफ कपड़े पहनाएं ठंडी जगह पर बैठाएं नीबूं पानी चीनी नमक का गाढ़ा शर्बत थोड़ी थोड़ी देर पर पिलाते रहे दही पिलाएं। आज कल तरबूज और खीरे का मौसम है तो इन फलों को खूब खिलाएं जिससे शरीर में पानी की मात्रा को बहुत जल्दी से पूरा किया जा सकता है और घर से बाहर जाते समय सर् पर टोपी और फूल बांह की शर्ट बच्चों को जरूर पहनाएं। दस्त के दौरान पका केला भी खिलाएं उपरोक्त सभी फलों से शरीर में पानी बढ़ता है। इससे लाभ मिलता है।
दस्त का क्या इलाज है ?
डॉ खान ने बताया कि यदि दो दस्त या उल्टी आने के बाद आपने घरेलू उपचार करके दस्त पर भले ही काबू पा लिया गया हो तब भी आपके मरीज को डॉक्टर की आवश्यकता बनी रहती है। क्योंकि घरेलू उपचार से बॉडी ग्लूकोस और पी एच वैल्यू मैंटेन होता है मरीज के पेट में मरोड़ , गैस की शिकायत , अपच आदि का इलाज किया जाना आवश्यक होता है जो एक डॉक्टर ही कर सकता है। अंत में डॉ खान ने क्षेत्र की जनता और मित्रों को ईद की मुबारकबाद भी दी।