सोशल डिस्टेंस के साथ शराब बिक्री हो सकती है तो अरदास, नमाज या पूजा क्यों नहीं – इज़हार हुसैन
—अहम मुद्दा
निज़ाम अंसारी
शोहरतगढ़ सिद्धार्थनगर। बीते दिनों स्थानीय थाना शोहरतगढ़ पर ईद त्योहार के मद्देनजर पीस कमेटी की हुई मीटिंग हुई में यह मुदृदा ओवैसी की पार्टी के नता इजहार हुसैन ने उठाया था। मीटिंग में थाना क्षेत्र के तमाम जनप्रतिनिधियों के साथ साथ मस्जिदों के इमामों को भी मीटिंग में बुलाया गया था। जिसमें कोरोना और लॉक डाउन में भीड़ से बचने तथा त्यौहार को सकुशल मनाने को लेकर थी।
मीटिंग में चर्चा के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के जनप्रतिनिधियों और इमामों ने सोशल डिस्टेंस के मानकों पर अपनी रजामंदी तो जाहिर की लेकिन संख्या को लेकर उनकी बात प्रशासन ने नहीं मानी जिस पर एमिम के नेता इज़हार हुसैन ने कुछ जायज सवाल उठाये। उनका कहना था कि उचित दूरी बनाकर शराब बिक़वाकर प्रशासन अपनी पीठ ठोंक रहा है। शराबियों को शराब लेने में कोई दुश्वारी न हो इसके लिए पुलिस भी उनकी मददगार है। लेकिन जब बात मंदिर और मस्जिद या गुरुद्धारे में इबादत/प्रार्थना की हो पूजा की हो तो प्रशासन लॉक डाउन का नियम समाने रख देता है।
उन्होंने कहा कि “बड़ा गर्व होता है जब हम कहते हैं कि हिंदुस्तानी सभ्यता व संस्कृति 5 हजार साल पुरानी है, हमारी संस्कृति हमारी पहचान है, जीवन दायनी है। लेकिन कोरोना लॉक डाउन के कारण हम कृतिम व्यवस्था और अव्यवस्था से जूझ रहे हैं। वहीं शराब हमारी संस्कृति और परंपरा पर हॉबी होती जा रही है। अधर्म का यह खेल देशवासियों के लिए बेहद दुखद है।