दिल्ली से सिद्धार्थनगर तक का पैदल सफर, घर पहंचने की खुशी में सारी पीड़ा भूल गया रामवृक्ष
अमित श्रीवास्तव
मिश्रौलिया, सिद्धार्थनगर। लोगों के दिलों में करोना वायरस का कितना भय है कि एक जिले का एक व्यक्ति दिल्ली से पैदल चल कर सिद्धार्थनगर आ पहंचा है। पैदल चलने से उसकी हालत बुरी हो गई है, बावजूद वह घर पहुंच जाने की खुशी में सभी शारीरिक पीड़ाएं भूल चुका है। उस व्यक्ति का नाम रामवृक्ष बताया जाता है, उसकी उम्र पैंतीस वर्ष है। वह शोहरतगढ विधानसभा क्षे़त्र के खोलिया गांव का रहने वाला है।
बताया जाता है कि चलें रामवृक्ष पुत्र रमपत चौहान दिल्ली में श्रमिक की नौकरी करता था। एक दिन के लाकडाउन की घोषणा होते ही उसके मालिक ने काम बंद कर उसे घर जाने को कहा। मलिक ने उसे सौ रूपये दिए और कहा कि वेतन उसके घर भेज दिया जायेगा। राम वृक्ष के सामने समस्या थी वह कहा रहे और खाए पिये क्या। अन्त में काफी सोच विचार के बाद वह पैदल ही सिद्धार्थनगर के लिए अकेले रवाना हो गया। इस प्रकार लोगों से मांग कर खोते पीते वह सिद्धार्थनगर पहुंच गया। इस दौरान उस पर एक ट्रक वाले ने दया कि और उसे दो सौ किमी मीटर का सफर भी कराया।
बताया जाता है कि रामवृक्ष कल सुबह ९ बजे के आसपास वह चेतिया बाजार पहुंच गया। जहां वह भख से निढाल हो कर कि गया। हानांकि वह एक पुराना जूता पहने हुए था, मगर उसके पैर में जूते से कटने के घाव बने हुए थे। यह देख ग्रामीण मुन्नू गुप्ता, अमित श्रीवास्तव, यदुनंदन सिंह भुवाल पटवा, बजरंगी अग्रहरी आदि लोगों के पूछने पर अपनी कहानी बताई। इसके बाद ग्रामीणों ने उसे खाने पीने की वस्तुएं दिया। कुछ खा-पी कर जब वह सुकून में आया तो वह अपने गांव के लिए रवाना हो गया। रामवृक्ष को अपने गांव पहुंच जाने का उत्साह इतना अधिक था कि वह आठ सौ किमी के सफर की थकान और पीड़ा तक भूल गया था।