कच्ची उम्र में शादी का नतीजाः पत़ि-पत्नी की आये दिन की लड़ाई में अबोध बेटों की जान गई
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर।शोहरतगढ़ थने के परसा गांव में पिछले सप्ताह दो बच्चों के डूब कर मौत के पीछे कच्ची उम्र के पति- पत्नी के बीच आए दिन झगड़ें का रहस्य निकल कर सामने आया है। इसी क्रम में गत बृहस्पतिवार शाम लड़ाई के बाद घर से दो बेटों को लेकर निकली मां शुक्रवार को खेत में बेहोश पड़ी मिली, जबकि बच्चों के शव गांव से सटे पोखरे से बरामद हुए। पति पक्ष ने महिला पर बेटों की हत्या करने का आरोप लगाया जबकि महिला के मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर बेटी की जान लेने का प्रयास और नातियों की हत्या करने का आरोप लगाया है। पुलिस गुत्थी सुलझाने में लगी है।
घटना शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र अन्तर्गत कोटिया पुलिस चौकी के तहत ग्राम परसा स्टेशन की है। गांव के 22 साल के हरिकिशन का उसकी 20 वर्षीय पत्नी सावित्री से बृहस्पतिवार शाम विवाद हो गया था। बात इतनी बढ़ी कि सावित्री अपने 3 साल के बेटे अमन और डेढ़ साल के अखिलेश को साथ लेकर घर से निकल गई थी। परिजनों ने पूरी रात मां-बेटों की तलाश की परंतु कुछ पता नहीं चला।शुक्रवार सुबह लगभग 11 बजे गांव के कुछ लोगों ने सावित्री को गांव के पूरब 500 मीटर दूर एक खेत में बेहोश हालत में पड़ा पाया तो परिजनों को सूचित किया।
सावित्री को सीएचसी शोहरतगढ़ ले जाया गया। इलाज के बाद परिजन सावित्री को घर लाये और उसके दोनों पुत्रों के बारे में पूछताछ की। उसकी बातों से कुछ स्पष्ट नहीं हुआ कि बच्चे कहां है। सावित्री के सिर व पैरों में तालाब की घास को देखकर परिजनों को शक हुआ और उन्होंने आसपास के पोखरों में बच्चों की तलाश शुरू की। गांव से सटे पूरब दिशा में स्थित पोखरे में लगभग पांच बजे दोनों बच्चों की लाश मिल गई।
इसके बाद परिजनों ने सावित्री पर बेटों की हत्या करने का आरोप लगाया। वहीं दूसरी ओर सावित्री के पिता टिहुल निवासी मानपुर थाना ढेबरुआ ने ससुराल पक्ष पर उसकी पुत्री समेत दोनों पुत्रों को जान से मारने का आरोप लगाया। उन्होंने शोहरतगढ़ पुलिस को तहरीर देकर मामले की जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को लाश मिलने के बाद परिजनों ने कोटिया चौकी व शोहरतगढ़ पुलिस को सूचित किया।कोटिया चौकी प्रभारी एसपी सिंह ने मौके पर पहुंच कर दोनों बच्चों की लाश को कब्जे में लेकर पंचनामा भरवाकर पीएम के लिए भेज दिया। इस संबंध में शोहरतगढ़ क्षेत्राधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों की तहरीर मिली है।जांच की जा रही है।
मुख्य सवाल, असली दोषी कौन?
गौर तलब है कि जब दोनों की शादी हुई तो लड़की 16 साल की थी लड़का 17 साल का। मतलब दोनों की कच्ची उम्र के यानी नाबालिग थे। ऊपर से लड़का बेरोजगार और आर्थिक रूप से विपन्न। ऐसे में मानसिक तनाव में गृहकलह स्वाभावक ही थी। अब सवाल उठता है कि इस पूरे प्रकरण में दोषी कौन है? मामले की जांच हो रही है। पति पत्नी में से हत्यारा जो भी निकलेगा कानून उसे सजा देगा, लेकिन सवाल है कि क्या वह अकेले अपराधी हैं। क्या वे अपराधी नहीं है जिन्होंने 16 साल की नाबालिग उमर में एक किशोरी की शादी को रजामंदी दी और उसे 17 वें साल में मां बनने को मजबूर किया, जबकि यह उम्र मैच्योरिटी की नहीं होती और कानूनन भी अपराध होता है?