Saluteǃ …और जावेद खान डाक्टर की जिम्मेदारी ही नहीं समाज की पहरेदारी में भी सफल रहे
शिव श्रीवास्तव
महाराजगंज। इरादे नेक हो और हौसले बुलंद हो तो किसी काम को अकेले ही पूरा किया जा सकता है। जी हां ऐसा ही कुछ उदाहरण देखने को मिला कस्बा बृजमनगंज के स्टेशन रोड पर। इस सड़क पर बारिश के पानी से नालियां जाम होकर ओवरफ्लो होने लगी। सउ़कों के गढ्ढे और कीचड़ में फिसल कर दर्जनों घायल हो गये। लोगों ने इसकी सूचना ग्राम प्रधान मटिहंवा को दी, लेकिन प्रधान ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
इधर पानी से दुर्गंधं आनी शुरू हो गयी। ऐसे में पेशे से चिकित्सक जावेद अहमद खां ने खुद ही स्टेशन रोड की समस्या खत्म करनी चाही। फलतः अपने हाथ में कुदाल लेकर अकेले ही जाम नालियों को साफ करना शुरू किया। मगर हाय रे जनता, यह देख कर भी कोई आगे नहीं बढा और ‘ ‘मै अकेला ही चला जानिबे मंजिल लकिन, लोग आते गये और कारवां बनता गया ‘ वाली कहावत बिलकुल गलत साबित हो गई।
बहरहाल मन में पूरी इच्छा शक्ति समेटे डा. जावेद खान अपनी मुहिम में जुट गये। उन्होंने अपनी कुदाल से नाली की गंदगी व कीचड़ युक्त मिट्टी निकाल कर कटान पर डालना शुरू कर दिया। उन्होंने कई घंटे की मेहनत कर पूरी नाली साफ कर डाली। इस प्रकार डा. जावेद ने बीमारी के इस मौसम में कस्बे में अरबन क्षेत्र के एक डाक्टर की जिम्मेदारी ही नहीं निभाई वरन समाज की पहरेदारी का भी फर्ज अदा कर दिया।
इस बाबत डॉक्टर जावेद ने बताया की नालियों से काफी दुर्गंध आ रही थी जिससे संक्रमण फैल सकता था और पानी के फैलने से कई वाहन चालक समेत उस पर बैठे सवार गिरकर घायल हो गए थे । कुछ महिलाओं और बच्चे भी घायल हो गए । जिम्मेदारों को सूचना देने के बावजूद भी वे चुप्पी साधे रहे। ऐसे में इस काम के लिए खुद ही हाथों में कुदाल उठा कर सफाई करने की ठान ली।डा. जावेद ने कहा कि हमारा मजहब इस्लाम भी यही कहता है एक इंसान दूसरे इंसान के काम आये।बहरहाल कस्बे में एक ओर डॉक्टर जावेद अहमद खान के इस कार्य की प्रशंसा हो रही है वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान की कार्यशैली पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं।