बलात्कार की दो-दो घटनाओं से कांप रहा जिला, मगर नहीं कांपता है वर्दी का जमीर
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले के इटवा व शोहरतगढ़ थाना क्षेत्रों में दलित बेटी से बलात्कार की अलग अलग घटनाओं ने जनपद के कमजोर तबके के लोगों को हिला कर रखा दिया है। मगर मजाल जो पुलिस का जमीर हिल जाए। दोनों ही घटनाओं को पुलिस ने छिपाने की कशिश की, मगर कतिपय जागरूक लोगों द्वारा आवाज उठाने पर अन्ततः पुलिस को मुकदमा लिखना ही पड़ा। घटना के बाद जिले के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मौके का दौरा शुरू हो गया है। पहली घटना थाना इटवा के एक गांव की है। जहां तीन अक्तूबर को रेप हुआ मगर मुकदमा लिखने में हीला हवाली होती रही अंत में मुकदमा कल लिखा गया। दूसरी घटना मंगलवार रात की है। इसमें भी मुकदमा कल लिखा गया है
बताया जाता है कि थाना इटवा के एक गांव की 15 साल की अनुसचित जाति की बालिका गत 3 अक्टूबर को शौच के लिए गई। जहां मौका पाकर गांव के ही एक 40 वर्षीय व्यक्ति ने उसके साथ बलात्कार किया। आरोप है कि बलात्कार के आरोपी ने पीड़ित परिवार को थाने पर जाने से रोका, कहीं भी शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। अखिल भारतीय पथरकट्ट(शिल्पकार) महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप पथरकट्ट व हियुवा जिला महामंत्री अजय सिंह ने मामले की जानकारी होते ही बुधवार देर शाम पीड़िता के गांव पहुंचे। जिले के एसपी व इटवा पुलिस से मामले की जानकारी ली गई।तब जाकर मुकदमा दर्ज हुआ। गुरुवार दोपहर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक इटवा थाने पर पहुंच कर मामले की जानकारी ली। वहीं इटवा थानाध्यक्ष का कहना है कि मामले से सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अभियुक्त को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।
एक अन्य घटना शोहरतगढ़ थाने के एक गांव की है। जहां 17 साल की एक बालिका मंगलवार की रात को हैण्डपम्प पर पानी भरने गइ थी। आरोप है कि गांव के ही एक दबंग युवक ने उसे जबरन पकड़ लिया। वह चिल्ला भी नहीं सकी। तहरीर के मुताबिक उक्त युवक उसे एक खेत में ले गया और उसका शारीरिक शोषण किया। सूत्रों के मुताबिक यहां भी मुकदमा लिखने में आनाकानी की गई, मामला कुछ पत्रकारों के संज्ञान में आया तो बुधवार रात में मुकदमा लिखा गया। पुलिस का दावा है कि उसने अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है। मगर उसके बारे में डिटेल नहीं दे रही है।
याद रहे कि जिले में रेप की दो घटनाएं हुईं। दोनों घटनों में पीड़िता दलित वर्ग से थी।फिर भी पुलिस ने मुकदमा लिखने में अनावश्यक हीला हवाली की। जबकि अभी हाथरस और बलरामपुर की घटना से पूरे प्रदेश में बड़ा विवाद जन्म ले चुका है। सिद्धार्थनगर की पुलिस इस प्रकार के काम कर के सरकार की छवि बर्बाद कर रही है अथवा अपनी मूर्खता साबित कर रही है।