कूड़ा नदी में फिर मिली डाल्फिन, तड़प कर मौत, वन विभाग जांच करेगा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। कूड़ा नदी में डाल्फिन मिलने का समाचार है। डाल्फिन को मुकामी भाषा में सूंस कहा जाता है। यह पानी के किनारे जीवित अवस्था में फंसी, फिर छटपटा कर दम तोड़ दिया। कूड़ा में डाल्फिन कई वर्षों बाद देखी गई है। इसे लेकर क्षेत्र में अत्यधिक चर्चा है।
मिली जानकारी के अनुसार आज लगभग 10 बजे कूड़ा नदी में कुकुरभुकवा के पास बंधे में किसी चीज में उलझी हुई एक विशालकाय मछलीनुमा जीव को कुछ चरवाहों ने देखा और शोर मचाया। शोर सुन कर ग्रामीण वहां जुट गये उौर उस जीव को बाहर निकाला तो पता चला कि वह सूंस था। सूंस ही का बायलोजिकल नाम डाल्फिन है। इसके बाद उसकी सूचना प्रशासन को दी गई।
वन अधिकारी ने कहा
इस बारे मे जिला वन अधिकारी सिद्धार्थनगर ने बताया कि कूड़ा नदी में डाल्फिन पाये जाने के बाद विभाग नदी का अध्ययन कर इस राष्ट्रीय महत्व के जलीय प्राणी के बारे में विस्तार से पता करेगा कि इस नदी में डाल डाल्फिन किन किन कारणों से आ रही है। यह इको की दृष्टि से भी बहत महत्वपूर्ण है।
क्या है डाल्फिन का परिचय
डाल्फिन यानी सूंस एक जलीय प्राणी है आर स्तनपायी है। यह पर्यावरण की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। कूड़ा नदी में डाल्फिन सबसे पहले सन २००१ में देखी गई थी। उसके बाद सन २००७ में उसका बाजार के पास पाई गई। तीसरी बार आज सोहास क्षेत्र में पायी गई। उत्तर भारत में डाल्फिन बिहार में गंगा नदी में बहुतायत से पायी जाती हैं। मगर इधर वे कूड़ा नदी में लगातार क्यों आ रही हैं, यह अध्ययन का विषय है।