दूसरी बार आये ‘छोटे सैलाब’ से कछार इलाके में हजारों एकड़ सब्जी व धान की फसल बर्बाद, किसान तबाह
–— विधायक व डीएम ने स्वयं देखा सैलाब की तबाही, ग्रामीणों को अब शासन से मदद की आस
सिद्धांत यादव
उस्का बाजार, सिद्धार्थनगर। चार दिन पूर्व अचानक तेज बारिश के चलते सैलाब से उसका बाजार प्रखंड क्षेत्र के अजगरा बगहिया , हथिवड़ताल ,सेखुई ताल ,नटवा गायघाट ,टडिया सहित बीस से अधिक पंचायतों के हजारों एकड़ में लगी धान सहित सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई है।जिससे कोरोना काल की आर्थिक मंदी से पहले ही परेशान किसान अब खून के आंसू रोने पर विवश हो गया है।
प्राप्त विवरण के अनुसार इस बार की बाढ से विकास खंड उस्का जोगिया में सबसे ज्यादा बर्बादी सब्जी की फसल की हुई है जबकि खेतों में लगभग तैयार हो चुकी धान की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। अनुमान है कि दूसरी बार की छोटे सैलाब से कछार क्षेत्र में धान और सब्जी की लगभग 20 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है। सब्जियों में सबसे ज्यादा गोभी की फसल की क्षति पहुंची है। बता दें कि जिले के पूरब के कछार क्षेत्र में सब्जी अब व्यवसायिक खेती का रूप ले चुकी है।
इस बर्बादी पर विकास क्षेत्र के किसान तौलन यादव, पूर्व प्रधान धर्मेंद्र कुमार, अमित, प्रदीप पासवान प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि किसी तरह क्षेत्र के लोगों ने ब्याज पर रुपया उधार लेकर फसल लगाने का काम किया था। अचानक बाढ़ आने से उनलोगों की फसलें डूबकर बर्बाद हो गई है। सबसे बड़ी समस्या उन किसानों के सामने आई है जिन्होंने बड़े किसानों से लीज पर खेत लेकर फसल लगाई थी। जो तबाह हो गई। अपनी बर्बाद फसलों को देखकर किसानों की आंखों से आंसू निकल पड़ते हैं।
आगामी फसल भी होगी प्रभावित
सैलाब की वजह से ना सिर्फ वर्तमान में लगी फसल बर्बाद हुई है बल्कि इसका प्रभाव आगामी फसलों पर भी पड़ेगा। वे किसान जिन्होंने अगली फसल लगाने के लिए खेत तैयार कर रखा था, अब उनके मंसूबो पर भी पानी फिर गया है। बाढ़ के पानी से सब्जी की खेती को भी नुकसान हुआ है। वहीं क्षेत्र के दर्जनों किसान बैगन बोला गोभी की खडी फसल खेत मे तैयार कर चुके थे।
सरकारी राहत पर टिकी हुई है आस
बाढ़ से बर्बाद हुए किसानों के मंसूबे इस समय सरकारी राहत पर लगी हुई है। गतदिवस क्षेत्रीय विधायक श्यामधनी रही व जिलाधिकारी दीपक मीणा ने एक साथ दर्जन भर गांव का दौरा कर किसानों की बर्बादी देखी, मगर तत्काल कोई राहत की घोषणा कर पाने में विफल रहे। इस संबंध में लेखपाल अशोक गुप्ता ने बताया की बाढ़ से बर्बाद हुए फसलों का आंकड़ा जुटाने का काम किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित पंचायतों का आंकड़ा प्राप्त होने के उपरांत उसे जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जायेगा। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशानुसार आगे का काम किया जायेगा।