उ.प्र. में दुर्गा पूजा, रामलीला मेलों के आयोजन का गाइड लाइन जारी, बैण्ड-बाजा बारात शुरू
नहीं लगेंगे पंडाल, घरों में रख सकते हैं प्रतिमाएं।
अजीत सिंह
लखनऊ। अक्टूबर में एक के बाद एक त्योहार आ रहे हैं। नवरात्र, दशहरा, धनतेरस और दीपावली जैसे प्रमुख त्योहार हैं। दुर्गा पूजा से लेकर रामलीला तक का आयोजन होता है। इस बार कोरोना वायरस के चलते त्योहारों और आयोजनों को लेकर सख्ती है। ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दो प्रमुख आयोजनों दुर्गा पूजा और रामलीला को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं। इस बार सार्वजनिक दुर्गा पूजा के आयोजनों पर रोक लगाई गई है, वहीं रामलीला मंचन को लेकर नियम बनाए गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि रामलीलाओं का मंचन प्राचीन परंपरा है। दशकों से परंपरा के अनुसार रामलीलाएं होती आई हैं। ऐसे में इस बार परंपरा न टूटे इसलिए रामलीलाओं के मंचन को छूट दी गई है लेकिन इसके लिए कुछ नियम और शर्तें भी लागू की गई हैं।
रामलीला मचंन के दौरान होंगे ये नियम
सीएम योगी ने कहा कि रामलीला स्थलों पर 100 से ज्यादा दर्शक एकत्र नहीं हो सकेंगे। जो दर्शक रामलीला देखेंगे उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा। इसके अलावा रामलीला स्थल पर और लोगों को सैनिटेशन करना आवश्यक होगा। हर किसी के चेहरे पर मास्क लगा होना जरूरी रहेगा।
नहीं लगेंगे पंडाल, घरों में रख सकते हैं प्रतिमाएं
वहीं दुर्गा पूजा को लेकर सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगाई गई है। सीएम ने कहा कि इस बार दुर्गा पूजा के दौरान किसी को भी जुलूस निकालने की इजाजत नहीं होगी। लोग अपने घरों में मूर्ति स्थापित करके पूजा कर सकते हैं। दुर्गा पूजा के सार्वजनिक पंडालों पर इसलिए रोक है ताकि भीड़ एकत्र न हो।
नहीं लगेंगे मेले
हर साल दुर्गा पूजा के दौरान और दशहरे पर मेले का आयोजन किया जाता था लेकिन इस बार मेले आयोजित नहीं होंगे। सीएम ने कहा कि अगर मेला लगेगा तो लोगों की भीड़ जमा होगी और ऐसे में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा भी बढ़ेगा इसलिए इस पर रोक लगाई गई है।
बैंड, बाजा, बारात की अनुमति
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शादी-ब्याह का सीजन आ रहा है ऐसे में बैंड बाजा और रोड लाइट की अनुमति दी जा रही है। लेकिन शादी-बारात में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आयोजनों में सौ से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।