संविदा कर्मियों का करोड़ों डकार गये बिजली विभाग के अफसर
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर का बिजली विभाग अपने अजब-गजब कारनामों से हर वक्त सुर्खियों में बना रहता है। ताजा मामला बिजली विभाग में रखे गये 150 कर्मियों के सर्विस टैक्स एवं जीपीएफ से जुड़ा है। हर माह संविदा कर्मियों को दिए जाने वाले पगार में इन दोनों मदों में कटौती जरुर की जाती है, मगर उसकी रिसीविंग संविदा कर्मियों को नहीं दी जाती है। अपने कटौती के हिसाब को लेकर सोमवार से सिद्धार्थनगर के सभी संविदा कर्मी आंदोलन पर जाने का ऐलान भी कर चुके है।
सिद्धार्थनगर में संविदा कर्मियों की तादाद करीब 160 है। इनमें से अधिकांश आईटीआई प्रशिक्षित है। उन्हें हर माह 82 सौ रुपये पगार के रुप में दिए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा अप्रशिक्षित संविदा कर्मियों को 72 सौ रुपये दिए जाते हैं। इसी रकम में अफसर सर्विस टैक्स एवं जीपीएफ की कटौती करते हैं। नियमानुसार इस कटौती की रसीद संविदा कर्मियों को मिलनी चाहिए, मगर सिद्धार्थनगर में अभी तक किसी भी संविदा कर्मियों को रसीद नहीं दी गयी है।
विभागीय जानकारी के मुताबिक विभाग में चार वर्ष से संविदा कर्मी कार्य कर रहे है। ज्यादातर कर्मियों को यह भी नहीं मालूम कि उनके पगार से कितने फीसदी की कटौती की जाती है। इसके अलावा संविदा कर्मियों को पगार भी समय से नहीं मिल पाता है। गत दिवस शोहरतगढ़ क्षेत्र के संविदा कर्मियों ने क्षेत्रीय विधायक लालमुन्नी सिंह से मिलकर बकाया वेतन भुगतान कराने की मांग भी की।
उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष श्रीराम तिवारी और मंत्री मोहम्मद शमीम ने कहा है कि अब यह गोलमाल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और 15 फरवरी से काम बंद कर अफसरों की पोल खोली जायेगी। इस सिलसिले में अधिशासी अभियंता राममूर्ति से जब बात की गयी तो सवाल सुनते ही उन्होंने कहा कि अभी वह बैठक में है। बाद में बतायेंगे।