गन्ना एवं चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश का देश में प्रथम स्थान, लेकिन सिद्धार्थनगर फिसड्डी
अजीत सिंह
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों को दी जा रही विभिन्न सुविधाओं के परिणामस्वरूप ही गन्ना और चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश ने पुनः दूसरी बार देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश में गन्ना विकास विभाग की स्थापना वर्ष 1935 में हुयी थी। तब से अब तक प्रदेश के गन्ना किसानों को विभिन्न राजकीय योजनाओं की सुविधा देते हुए सफल संचालन किया जा रहा है। लेकिमन सिद्धार्थनगर जिले में गन्ना उत्पादन में फिसड्डी साबित हो रहा है।
प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को उन्नतशील प्रजातियों के स्वस्थ बीज तथा नवीन गन्ने की विभिन्न प्रजातियों का विकास कर उन्हें खेती करने के लिए स्वीकृत किया जाता है। प्रदेश सरकार गन्ना किसानों को गन्ने की फसल की सुरक्षा एवं कृषि निवेशों को भी उपलब्ध कराती है। सरकार किसानों का प्रशिक्षण, कम लागत में अधिक उपज के उपायों को बताते हुये गन्ना किसानों की आय में वृद्धि कर रही है। प्रदेश सरकार चीनी मिलों के लिए कितने गन्ने की आवश्यकता होगी उसका निर्धारण एवं आवंटन भी करती है। चीनी मिलों को गन्ना किसानों द्वारा की गयी आपूर्ति का समय से भुगतान कराने के लिए सरकार विशेष ध्यान दे रही है।
गन्ना किसानों को प्रदेश सरकार आधार पौध शाला बीज प्राथमिक पौधशाला बीज वितरण में लाभार्थी किसानों को अनुदान भी देती है। गन्ना किसानों की भूमि का भी उपचार कराया जाता है। गन्ना से अधिकाधिक चीनी परता एवं गन्ना उपज प्राप्त करने के लिए पेड़ी प्रबन्धन कार्यक्रम संचालित करते हुये लाभार्थी किसानों को नियमानुसार अनुदान भी दिया जाता है।
प्रदेश सरकार द्वारा गन्ने के साथ दलहन/तिलहन फसलों की सिंगल बड चिप तकनीकी के साथ अन्तःफसली कार्यक्रम हेतु 9000 रूपये प्रति हेक्टयर की दर से अनुदान की भी व्यवस्था की है। प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को दी गयी सुविधाओं के परिणामस्वरूप गत दो वर्षों में औसत गन्ना उत्पादकता 72.38 से बढकर 80.5 मी0टन प्रति हेक्टेयर हो गयी है।
प्रदेश सरकार गन्ना किसानों के हित में कार्य करते हुये किसानों को बीज, खाद, उर्वरक, सिंचाई, कृषि यन्त्र आदि सुविधायें उपलब्ध कराते हुये उनकी आय में वृद्धि कर रही है। किसानों को यातायात की सुविधा प्रदान कर चीनी मिलों को ताजा गन्ना उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अन्र्तग्रामीण सड़कों का निर्माण कर सम्पर्क मार्ग के माध्यम से मुख्य मार्गों एवं गन्ना क्रय केन्द्रों से जोड़ा गया है। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हो रहे किसानों ने प्रदेश में गन्ना उत्पादन में वृद्धि करते हुये देश में रिकार्ड बनाया है।
लेकिन सिद्धार्थनगर में गन्ने का उत्पादन साल दर साल गिरता जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में गन्ने की बुआई 5 हेक्टेयर से भी कम है। इसका एक कारण है चीनी मिल का न होना। जिससे किसानों को अपना गन्ना बेचने में भारी दिक्कत होती है। अतः सरकार को चीनी मिल की स्थापना पर ध्यान देना चाहिए।