पूर्व के पांच चुनावों के मद्देनजर किया जायेगा ग्राम, ब्लाक व जिला पंचायत क्षेत्रों का आरक्षण
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अब अगले कार्यकाल के लिए गांवों में जोर-आजमाइश शुरू हो गई है। अपनी दावेदारी के बीच संभावित प्रत्याशी ग्राम पंचायत में आरक्षण की स्थिति जानने के लिए भी परेशान हैं। पर, अभी तक आरक्षण की स्थिति साफ नहीं हुई है। हालांकि आने वाले चुनाव में ग्राम पंचायतों के आरक्षण को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है। पिछले चुनावों में आरक्षण की स्थिति का आकलन करने के बाद आगे की राह तय होगी। इससे यह तो तय हो गया है कि इस बार अनेक गांवों का आरक्षण बदल जाएगा।
आसन्न चुनाव में आरक्षण की स्थिति क्या रहेगी, यह सवाल सभी की जुबान पर है। ब्लाक से लेकर जिले तक का चक्कर लगाने के बावजूद कोई अपनी ग्राम पंचायत में आरक्षण की स्थिति को लेकर किसी को संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। सबकुछ शासन की मंशा पर निर्भर है। माना जा रहा है कि इस बार पूरी तरह से पारदर्शी व्यवस्था होने वाली है। इसी के तहत शासन ने पिछले पांच चुनावों का विवरण मंगाया है,जिसे भेजने की कवायद चल रही है।
ग्राम पंचायतों में इन पांच चुनावों की स्थिति जानने के लिए 1995, 2000, 2010 एवं 2015 के चुनाव के आरक्षण का आकलन करने के लिए आनलाइन फीडिंग की जा रही है। यह काम सिद्धार्थनगर सहित पूरे प्रदेश में उच्च प्राथमिकता के आधार पर चल रहा है। ग्राम पंचायत के साथ-साथ जिला पंचायत अध्यक्ष एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुख पदों पर रहे आरक्षण की फीडिंग की जा रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय (डीपीआरओ) के सूत्र के अनुसार पिछले पांच चुनाव की स्थिति की फीडिंग चल रही है।
जिलों में डाटा फीडिंग का काम पूरा होने के बाद शासन की ओर से गाइड लाइन तैयार की जाएगी। उसी के अनुसार आरक्षण तय किया जाएगा। परिसीमन का काम भी एक से दो दिनों में पूरा हो जाएगा। उसके बाद आरक्षण की स्थिति साफ हो जाएगी। पिछले पांच चुनावों में ग्राम पंचायतों की आरक्षण की स्थिति के लिए फीडिंग की जा रही है। उसके बाद शासन से गाइड लाइन आने की उम्मीद है। गाइड लाइन आने के बाद आरक्षण तय किया जाएगा।