गरीब के मकान का छत लदा और तहसील व पुलिस प्रशासन ने मिलकर 24 घंटे के भीतर गिरवा दिया
अनीस अंसारी
इटवा, सिद्धार्थनगर। एक तरफ जहां प्रदेश व देश सरकार गरीबों के सर पर छत देनें को तत्पर है वहीं जिले का इटवा तहसील व पुलिस प्रशासन ने मिलकर एक गरीब का लदा लदाया छत चौबिस घंटे के भीतर ही जेसीबी मशीन लगाकर ध्वस्त कर दिया है। इसके पीछे प्रदेश सरकार के एक बड़े नेता का हाथ बताया जा रहा है। जबकि वही तहसील प्रशासन ने वही मकान बनने से पहले पैमाइश कर जमीन को मकान बनाने योग्य बताया था और मकान बनने के दूसरे दिन यानी कि 23 नवम्बर को ही तहसील व पुलिस प्रशासन ने जेसीबी लगाकर गिरवा दिया गया।
मामला इटवा थाना क्षेत्र के ग्राम बिड़रा का है। बताया जाता है कि गांव की किताबुन्निशा ने अपने जमीन की पैमाईस कराया और हल्का लेखपाल ने जहां से जमीन बताया वहीं से किताबुन्निशा ने मकान का निर्माण किया। और जिस दिन मकान का छत लदा उसी दिन गांव के ही कुछ लोगों द्वारा भाजपा के एक प्रभावशाली नेता से मकान रूकवाने के लिए कह दिए और नेता जी बगैर सच्चाई जाने ही तहसील व पुलिस प्रशासन से तत्काल रोकने का अदेश दे दिया। जिस पर तहसीलदार ने एसओ को फौरन मकान रोकने को कहा।
मौके पर चौकी इंचार्ज शाहपुर अपने टीम के साथ रात 8 बजे पहुचे तो किताबुन्निशा का मकान का छत पूरा लदगया था और मौके पर पुलिश किताबुन्निशा को नहीं पाई। फिर चौकी इंचार्ज अपने टीम के साथ चाले गये कु़छ समय बाद इटवा पुलिस क्षेत्रािधकारी अपने टीम के साथ फिर पहुचे मौके पर देखा छत लदा मिला और मौके पर कोई नहीं था।
दूसरे दिन 23 नवम्बर को हल्का लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार, सीओ और चौकी इंचार्ज शाहपुर आदि अपने टीम के साथ जेसीबी मशीन लेकर पहुंचे और मकान को गिरवा दिया। लेकपाल दूवारा पहले सरहद से पैमाईस किया गया था तो निर्माण सही जगह पर हुवा था अब चकरोड से पेमाईस किया गया तो इस बार कहा गया कि मकान तीन हाथ आवैद्ध जमीन पर बना है था इसलिए गिरवाया गया है।