गोरखपुर ग्रामीण सीट से निषाद, दलित, मुस्लिम समीकरण के सहारे लखनऊं पहुंचने की तैयारी
अजीत सिं
गोरखपुर। यहाँ बात हो रही है गोरखपुर ग्रामीण सीट पर चुनावी ताल ठोंक रहे बसपा के प्रभारी व निषाद समाज के कद्दावर नेता दारा सिंह निषाद की, जो मुस्लिम दलित और सजातीय वोटों के बल पर अन्य दलों को परेशानी में डाल सकते हैं। वह इसी समीकरण के बूते चुनाव जीत कर लखनऊ पहुंचने की तैयारी में लग गये हैं।
पिछले 6 महीने से दारा सिंह निषाद का लोगों के बीच जाना और सबके सुख दुख में शामिल होना यह लोगो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके अलावा दारा निषाद जहां भी जाते हैं, वहां बूथों के गठन और उसे सक्रिय बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत ही नहीं करते बल्कि उसकी लगाातार मानिटरिंग भी करते हैं। हालिया बूथ गठन में भूमिका निभाने वाले लालबहादुर, जावेद, जब्बार, अनिल साहनी, राजकुमार निषाद, दिलीप सहनी, रामरूप भारती, दीनानाथ तिवारी, संजय तिवारी, अमर चन्द यादव, सुलेमान, अमीर सिंह, राहुल सिंह, योगेश सिंह, दिलीप निषाद, राजू केवत, राकेश साहनी, अर्जुन साहनी आदि की सूची देख कर उनके वोट समीकरण बनाने के अंदाज का पता भी चल जाता है।
क्षेत्र के उस्मान, महफूज, इब्राहिम बताते हैं कि दारा का लोगों से घुल मिल जाना और हर वर्ग के लोगों से सीधा संपर्क उनको दूसरे दल के लोगो से भारी बना रहा। साथ मे लोगों के बीच बीजेपी और सपा का निष्क्रिय होना भी कहीं न कहीं बसपा और दारा सिंह निषाद के लिए संजीवनी का काम कर रहा है। ब्राह्मण समाज के लोग भी जो बीजेपी से नाराज है वो दारा सिंह निषाद और बसपा को बेहतर विकल्प बता रहे है ग्रामीण विधानसभा के राजू शुक्ल, राजेश राय, मनोज तिवारी, शम्भू शुक्ल कहते हैं कि बसपा सरकार में कानून व्यवस्था सबसे शानदार थी और ब्राह्मणों को सम्मान था। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आगामी चुनाव में बसपा का यह समीकरण अन्य दलों पर भारी पड़ने वाला है।
इस बारे में खुद दारा सिंह निषाद ने कपिलवस्तु पोस्ट से कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार फेल हे चुकी है। दूसरे बसपा राज में कानून व्यवस्था की याद सभी को है। लोग आज उसें याद कर रहे हैं। इसके अलावा छिनते रोजगार, ब्रीमणों पर निरंता प्रहार आदि से सरकार निरंतर हताशा की ओर बढ़ रही है। ऐसे में सर्वसमाज को प्रमुखता देने की बसपा की नीति एक बार फिर जनता के दिलों में उबर रही है, जो आने वाले दिनों में गोरखपुर ग्रमीण ही नहीं पूरे प्रदेश में बसपा की जीत होगी।