गोरखपुऱ-गोंडा वाया बढ़नी रूट पर एक पैसेंजर ट्रेन तो चला दीजिए रेल मंत्री जी

December 14, 2020 12:52 PM0 commentsViews: 796
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ट्रेन चलने से सिद्धार्थनगर समेत गोरखपुर, महाराजगंज, बलरामपुर, गोंडा व नेपाल तराई के ग्रामीणों को मिलेगा लाभ

निज़ाम अंसारी

शोहरतगढ, सिद्धार्थनगर। कोरोना से लड़ने के बाद स्थितियां सामान्य होने की ओर हैं। ऐसे में जिलों कस्बों में ट्रेन के संचालन की मांग उठने लगी है। शोहरतगढ़ के युवाओं ने गोरखपुर से गोंडा तक पूर्व की तरह पैसेंजर ट्रेन चलाने की मांग की है। क्यों कि आर्थिक संकट के इस दौर में आम आदमी द्धारा निजी साधनों से सफर करना संभव नहीं है। पैसेंजर ट्रेने ही छोटे स्टेशनों पर रुकती है।जिससे आवागमन सुलभ और सस्ता होता है। इस रुट पर पर एक जोड़ी ट्रेन चला कर रेलमंत्रालय हजारों गरीबों की मदद कर सकता है।

शोहरतगढ, के तमाम नागरिकों ने  गोरखपुर से गोंडा वाया शोहरतगढ़ के लिए एक जोड़ी ट्रेन चलाने की मांग रेल मंत्रालय भारत सरकार से की है। इससेसिद्धार्थनगर के अलावा गोरखपुर, महाराजगंज, बलरामपुरगोंडा और नेपाल के ग्रामीण जो छोटे रेल स्टेशनों केनिकट केनिवासी हैं,  का पूरा भला होगा। इनजिलों के पचपेड़वा, कौवापुर, परसा, शोहरतगढ़, चिल्हिया, उसका, बृजमनगंज, रावतगंज, कड़िया जंगल, नकहा जंगल आदि छोटे स्टेशनों पर कोई ट्रेन नहीं रुकती। ऐसे में यहां के ग्रामीण कहां जायें?

 इस विषय में परसा क्षेत्र के समाजसेवी युवा नेता संतोष पासवान का कहना है कि उनके इलाके के ज्यादातर व्यापारी और जरूरतमंद की पहली पसंद गोरखपुर ही है उनके आने जाने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है । युवा नेता अभय प्रताप सिंह ने साधारण ट्रेनों के संचालन को लेकर कहा कि हम ने सांसद जगदंबिका पाल जी से मिलकर आग्रह किया है कि रूट पर शीघ्र ही एक जोड़ी साधारण ट्रेनों के चलाये जाने के प्रयास किये जायें। कस्बे के युवा व्यवसायी राजेश आर्य का कहना है कि उन्हें महीने में कम से कम एक बार गोरखपुर जाना रहता है। कोहरे के मौसम में उन्हें प्राइवेट गाड़ी से चलने में असुविधा होती है। ट्रेन से आने जाने में खर्च भी कम लगता है तथा, सुरक्षा और आराम भी रहता है।

वहीं कस्बे युवा समाजसेवी इंजीनयर एज़ाज़ अंसारी ने कहा कि आम आदमी की सवारी गाड़ी रेल ही है। एक जोड़ी ट्रैन और चलाना समय की मांग है जिससे आम जनता को आने जाने में सुविधा हो। आम तौर पर लोगों  को दवा इलाज के लिए तो किसी को उच्च शिक्षा देने व लेने वाले यूनिवर्सटी टेकनिकल मेकैनिकल कालेजों तक पहुंचने और फिर घर वापसी की रोजाना जरूरत पड़ती है। जबकि सात आठ महीनों से कोरेना की मार के बहाने गोरखपुर जाने के लिए ट्रेन बंद चल रही हैं।   

उन्होंने कहा कि अब जबकि ट्रेनो का संचालन शुरू कर दिया गया है। तो लोगों को मंत्रालय से एक आस रेल लगी है कि इस समस्या से निजात मिलेगी। उनसे सहमति व्यक्त करते हुए नगरवासी श्याम सुंदर, अलताफ हुसैन, संजीव जैसवाल, मो. अशरफ अंसारी, राकेश कुमार, जुबेर अहमद विकास त्रिपाठी, इजहार, विष्णु कुमार, मुशताक अहमद, सहित सैकड़ों लोगों ने ट्रेन चलाने की मांग का पुरजोर समर्थन किया है।

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