श्रद्धांजलिः यूपी के राज्यपाल रहे मोतीलाल वोरा जी का सिद्धार्थनगर से खास लगाव था
राज्यपाल रहते तीन बार जिले में आये वोरा जी, और विकास को दिया नया आराम
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रह चुके मोती लाल बोरा जी नहीं रहे। उनका जाना सिद्धार्थनगर वासियों को भी अखर गया। बोरा जी का सिद्धार्थनगर से क्या सम्बंध है, यह सवाल उठना स्वाभाविक है। तो यहां यह बताना जरूरी है कि सिद्धार्थनगर से से बोरा जी का अटूट रिश्ता रहा है। वह यहां विकास के तमाम कार्यों को समय समय पर अंजाम देते रहे हैं ।
पाठकों को बता दें कि 90 के दशक में राज्यपाल के रूप में स्व. मोती लाल वोरा जी तीन बार जिले के दौरे पर आये। तीनों बार उन्हें लाने का श्रेय यहां के कांग्रेस के तत्कालीन नेता और किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव नर्वदेश्वर शुक्ल का था। तीनों बार बोरा जी बांसी, शोहरतगढ़ और नौगढ़ में आये तथा इस अवसर पर उन्होंने अनेक योजनाओं की घोषणा की। सड़क, स्कूल आदि कई ऐसे काम हैं जो उन्होंने एक साधारण प्रार्थना पर ही स्वीकार कर उसका क्रियान्वयन करा दिया।
इस बारे में नर्वदेश्वर शुक्ल बताते हैं कि उनका जीवन बहुत सादगी भरा था। वे किसी के प्रति मन में मैल नहीं रहता था। वे स्वयं अपने बारे में बताते है कि वोरा जी से पहली बार उनकी कड़ी वार्तालाप के दौरान परिचय हुआथा, मगर अगली मुलाकात में उन्होंने उनका जिक्र तक नहीं किया। उसके बाद भी वे बोरा जी के करीबियों में शुमार हो गये। वे कहते है कि एक बार वे तत्कालीन कांग्रेस वर्कर (अब सपा नेता) हरिराम यादव जी को राज्यपाल के आवास पर ले गये। जहां बातचीत में कहा कि उनकी अर्थिक हालत ठीक नहीं। इतना सुनने के बाद वोरा जी ने वहीं उनको एक लाख का अनुदान स्वीकृत कर दिया।
जिले के पुराने कांग्रेस नेता जयनाराण उर्फ पाऊ पांडेय, रमजान अली आदि बताते है कि बोरा जी सादा जीवन और उच्च विचार वाले कांग्रेसी/गांधीवादी थे। यह हमनेे नर्वदेेश्ववर शुुक्ल जी केे साथ महसूूस किया है। स्व. वोरा जी कार्यकर्ताओं का बहुत सम्मान करते थे। उनके लिए कुछ भी करने को तैयार करते थे। पाऊ पांडेय कहते हैं कि आज नई पीढ़ी उनको भले न याद करे। मगर उन्होंने सिद्धार्थनगर जनपद के लिए जो कुछ किया पुराने कांग्रेसी उनके सदा कर्ज रहेंगे।
बोरा जी के निधन पर कांग्रेस के कुुछ नेताओं ने दुख व्यक्त करने के साथ उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया है।इसी कडी़ मेें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री नेता नर्वदेश्वर शुक्ल ने उनकी मौत को राजनीति की गौरवमयी पीढ़ी के अंत की संज्ञा दी है।उन्होंने कहा है कि मोतीलाल बोरा जी का निधन राजनीति के उस युग का अंत है,जिसमें नैतिकता और जवाबदेही को सर्वधिक मान्यता दी जाती थी।