दो साल बाद भी नहीं हो सकी थाने से गायब ए के 47 राइफल की बरामदगी, क्या मामला ठंडे बस्ते में जा रहा?
आरोपी पुलिस अधिकारियों में एक सेवानिवृत्त, तो दूसरे को एसपी ऑफिस में दिया गया महत्वपूर्ण पद
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। थाने से करीब दो साल पहले गायब हुई ए के-47 असाल्ट राइफल का सुराग इटवा पुलिस आज तक नहीं लगा सकी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस मामले को ठंडे बस्ते में डाले जाने की तैयारी चल रही है। राइफल गायब होने के कारण जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी वह भी अब अच्छा पद पाने के लिए आला अधिकारियों की जी हुजूरी में जुटे हुए हैं।
इटवा थाने में सुरक्षा के लिए ए के 47 असाल्ट राइफल आवंटित की गई थी। तीन फरवरी 2019 की रात तत्कालीन एसओ अनिल प्रकाश पांडेय के साथ हेड कांस्टेबल विपिन भट्ट और सिपाही विमल किशोर मिश्र की रवानगी थाने में दर्ज की गई थी। तीनों की रवानगी में एके 47 नंबर ए.ई. 51-4084 भी ले जाया जाना दर्ज किया गया था। इसके बाद राइफल गुम हो गई। तत्कालीन एसओ ने असाल्ट राइफल लापता होने की बात दबाने का प्रयास किया था। मीडिया में आने के बाद तत्कालीन एसपी डा. धर्मवीर सिंह ने असाल्ट राइफल गायब होने की घटना में तत्कालीन एसओ इटवा अनिल प्रकाश पांडेय, मुख्य आरक्षी विपिन भट्ट, आरक्षी विमल किशोर मिश्र, हेड मुहर्रिर वीरेंद्र यादव और राम प्रताप सिंह को निलंबित कर जांच के आदेश दिए थे। बाद में इन आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी भी हुई थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार वर्तमान में यह सभी पुलिस कर्मी जमानत पर हैं और विभाग में नौकरी कर रहे हैं। एक पुलिसकर्मी तो पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक खास पटल की जिम्मेदारी संभाल रहा है। एक पुलिसकर्मी तो सेवानिवृत्त भी हो चुका है। विभागीय सूत्रों के अनुसार 23 माह पूर्व हुए इस बड़े कांड की जांच भी ठंडे बस्ते में डाले जाने की तैयारी चल रही है। प्रभारी पुलिस अधीक्षक मायाराम वर्मा ने बताया कि मामले की विवेचना चल रही है, चार्जशीट फाइल की जा चुकी है, दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।