चंद उत्साही नौजावनों ने मिल कर संवार दिया शिव प्रतिमा
मेरा पैगाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे- विशाल श्रीवास्तव
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। शहर के चन्द उत्साही नौजवानों ने मिल कर शहर के बाहर बियाबान में स्थित लावारिश हालत में खड़ी शिव प्रतिमा को संवार दिया। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में खड़ी इस प्रतिमा का रंग रूप निखारने का काम शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस काम को किया है शहर में स्थापित लक्ष्य ट्यूटोरियल के प्रबंधक विशाल श्रीवास्तव और उनकी टीम ने।
बताया जाता है कि नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर के पूर्व चेयरमैन जमील सिद्दीकी ने अपने कार्यालय में पिठनी घाट पर बैकुंठ धाम का निर्माण कराया था। बैकुंठ धाम पर ही उन्होंने एक भगवान भोलेनाथ का एक विशाल और मनमोहक प्रतिमा की स्थापना भी करवाया था। मगर अरसे से यह प्रतिमा वह ख़े खड़े धूल खा रही थी। उसकी साफ सफाई का इंतजाम था और न ही किसी श्रद्धालु में यह जज्बा था कि वह कुछ करे। पूरा सावन बीत गया।इस दौरान आस पास के लोग शिवमंदिरों में जलाभिषेक करते रहे मगर किसी का ध्यान इस बदतर स्थित की ओर नहीं गया।
शहर के कुछ युवकों ने फेसबुक पर लिखा है कि नगरपालिका द्वारा बैकुंठ धाम पर बनाई गई भगवान शिव शंकर की अलौकिक मूर्ति अभी तक सिर्फ लोगों के लिए बाढ़ के दौरान सेल्फी स्पाट एवम् मनमोहक नजारे के साथ अपनी सुंदर छवि का अद्भुत प्रदर्शन करती आई है। पर अफसोस जिम्मेदारों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास ना रहा। यह पढ़ कर प्रतिमा की हालत संवारने का जिम्मा उठाया शहर के एक कोचिंग सेंटर ने।
कोरोना काल के कारण स्कूल एवं इंस्टिट्यूट बंद होने के साथ-साथ आय का स्रोत भी बंद होने के बावजूद मन में अटल विश्वास व शिवजी के प्रति श्रद्धा एवं प्रेम के तहत ‘लक्ष्य ट्यूटोरियल’ के प्रबंधक विशाल श्रीवास्तव एवं उनकी टीम द्वारा गत दिवस भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा की पूर्ण रूप से साफ सफाई एवं पेंट कराया । जिसकी सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। इस बारे में विशाल श्रीवास्तव का कहना है कि हमने तो एक नागरिक का कतर्व्य और अपना धर्म निभाया है। बाकी उनकी जो फर्ज है वह अहले सियासत जाने, मेरा पैगाम मुहब्बत है जहां तक पहुंचे।