पार्टी से निकाले गये बसपाई दिग्गज हाजी मुकीम, समाजवादी खेमे में खुशी की लहर
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। गोरखपुर से एमएलसी उम्मीदवार लाल अमीन को बसपा से निकालने के चंद घंटे बाद जिले के दिग्गज बसपाई मोहम्मद मुकीम भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। आज दिन में तेजी से बदले सियासी घटना क्रम से जिले का राजनीतिक तापमान गर्मा गया है। हाजी मोहम्मद मुकीम को निकाले जाने से समाजवादी खेमे में खुशी का माहौल है।
मोहम्मद मुकीम को पार्टी से निकालने की घोषणा आज बसपा जिलाध्यक्ष दिनेश गौतम ने की। प्रेस को दी गई जानकारी के मुताबिक उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधि की वजह से हटाया गया है। जबकि पूर्व सांसद हाजी मुकीम का कहना है कि उन्होंने पार्टी का विरोध नहीं किया।
दरअसल हाजी मुकीम को पार्टी से निकालने के संकेत परसों पार्टी की बैठक में मिल गये थे। उस अहम बैठक में इटवा से मुकीम की जगह प्रभारी बनाये गये अरशद खुर्शीद ने पूर्व सांसद की शिकायत की थी। उसके बाद से ही पार्टी के अंदरखाने में उनको निकालने पर मंथन शुरू हो गया था।
मुसलमानों में कमजोर हुई बसपा
फिलहाल मुकीम के बसपा के हटने से जिले में मुस्लिम मतदाताओं पर बसपा की पकड़ कमजोर होगी, इसे सियासी जानकार बेहिचक कबूल कर रहे हैं। उनका मानना है कि डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र को छोड़ कर इसका प्रभाव पूरे जिले में पड़ेगा।
फिलहाल मुकीम के बसपा से निकाले जाने के बाद जिले भर में मुकीम के समर्थकों में निराशा है। इसके अलावा बसपा के अनुभवी दलित चेहरे भी इस घटना से दुखी हैं। एक दलित कैडर का कहना है कि मुकीम के दल में न रहने से बसपा का जनाधार कम होगा। जिसे भरने के लिए बसपा के पास अन्य कोई जातीय समीकरण नहीं है।
इस घटनाक्रम के बाद सबसे अधिक खुशी सपा में है। सपाइयों का मानना है कि बसपा में सैयदा मलिक को छोड़ सभी पुराने चेहरे पार्टी से बाहर हो चुके हैं। ऐसे में मुसलमानों का थोक वोट सपा में आने से रोक पाना अब बसपा के लिए असंभव ही है।