हमास इजरायल युद्ध में दस नेपाली मारे गये, मृतकों को दस लाख का मुआवजा, नेपाल में झुका राष्ट्रीय ध्वज
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर । हमास और इस्रायल के बीच चल रहे युद्ध में दस नेपालियों के मारे जाने की सूचना मिली है। इसके बाद नेपाल के राजनीतिक दलों ने सरकार को इस्राइल में फंसे नेपालियों को बचाने के लिए गंभीर कदम उठाने का सुझाव दिया है। इसके बाद नेपाल के प्रधानमंत्री ने सभी मृतकों को दस दस लाख मुआवजा देने का एलान करने के बाद मंगलवार को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित कर दिया। जिसके तहत नेपाल में सभी प्रतिष्ठानों पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहे। अनेक स्थानों पर श्रद्धांजलि सभाएं हुईं।
इस युद्ध में 10 नेपालियों के मारे जाने के बाद प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने आज मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। इससे पहले हुई मंत्रिपरिषद की आपात बैठक में मृतकों के सम्मान में राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई, और जो लोग घर लौटना चाहते हैं, उनके लिए विमान किराए पर लेने का फैसला किया गया है। सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री एनपी सऊद ने मंत्रिपरिषद के फैसलों और सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। पार्टी के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध में फंसे नागरिकों को बचाने में कोई देरी नहीं होनी चाहिए।
माओवादी पार्टी के मुख्य सचेतक हितराज पांडेय ने बताया कि इस्राइल में जिस घटना में 10 नेपालियों की मौत हुई, उस पर पूरा देश और पार्टियां एकजुट हैं। यूएमएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ईश्वर पोखरेल ने इस्राइली बंकरों में रहने वाले लोगों को तत्काल बचाने के लिए कहा है। कांग्रेस के मुख्य सचेतक रमेश अख्तर ने जोखिम में फंसे नेपालियों को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए सरकार से पहल करने का अनुरोध किया।
उल्लेखनीय है कि सैकड़ों नेपाली अच्छी कमाई केलिए इस्रायल में अरसे से काम करते हैं। कभी कभी वे अन्तर्राष्ट्रीय सैनिक के रूप में भी वहां तैनातकिये जाते हैं। परन्तु नेपाल ने अधिकृत तौर पर यह स्पष्ट नहीं किया है कि मारे जाने वाले शांति सेना के सनिक थे या वे वहां पर रोजी रोटी के काम में लगे थे।