नैनो टेक्नालॉजी सिद्धान्त पर आधारित है होम्योपैथी- डा. भोयर
हमीद खान
डुमरियागंज,सिद्धार्थनगर। होम्योपैथिक के प्रणेता डा. हैनिमैन जयन्ती सप्ताह के अवसर पर मंगलवार को शर्मा चेरीटेबल एण्ड बेलफेयर ट्रस्ट के तत्वाधान में डुमरियागंज में विचार गोष्ठी ‘‘चिकित्सा में होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का योगदान’’ एवं कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त दूसरे राज्यों के भी होम्योपैथी चिकित्सकों ने पहुंच कर अपने-अपने विचार रखे।
इस अवसर पर महाराष्ट एक यूर्नीवर्सिटी के वीसी और चीफ गेस्ट डा. चन्द्रभान भोयर ने कहा कि होम्योपैथ नैनो टेक्नालॉजी के सिद्धान्त पर आधारित है। जैसे-जैसे होम्योपैथी औषधि में औषधि द्रव्य की सान्द्रता कम होती जाती है उसकी पोटेन्सी (शक्ति) बढ़ जाती है।
अपने सम्बोधन में विशिष्ट अतिथि जनमत आनन्द मासिक पत्रिका लखनऊ के सम्पादक डा. एस.पी. सिंह ने कहा कि होम्योपैथी जिसे प्रकृति का नायाब तोहफा कहा जाता है। आज यह चिकित्सा पद्धति सिरमौर साबित हो रहा है।
विशिष्ट अतिथि सिण्डीकेट बैंक शाखा इटवा के प्रबन्धक श्री शशिरंजन ने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति विश्व की पीड़ित मानवता के लिये एक वरदान है। उन्होंने यह भी कहा कि डा. भास्कर शर्मा ने चिकित्सा व समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किया है। कार्यक्रम को वरिष्ठ साहित्यकार व चित्रकार डा. राजेन्द्र परेदसी, डा.यू.डी. तिवारी (काठमाण्डू), डा. मान्यता आदि ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के अन्त में मुख्य अतिथि द्वारा चिकित्सकों एवं समाज सेवियों को चिकित्सा और समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये सम्मान पत्र एवं शाल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम आयोजक डा. भास्कर शर्मा ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर डा. चन्देश्वर यादव, डा. फूलचन्द्र यादव, डा. ऊषा देवी, हरिराम विष्वकर्मा, विलाल अहमद, प्रभूनाथ मिश्र, दीप नरायण सिंह, बार एसोसिएशन डुमरियागंज के अध्यक्ष मलिक इकबाल युसुफ आदि उपस्थित रहे।