भद्रारहित प्रदोषव्यापिनी फागुन पूर्णिमा में होगा होलिकादहन, 24 मार्च को मनायी जायेगी होली
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। होली पर्व को लेकर सिद्धार्थनगर के घर-घर में तैयारी शुरु हो चुकी है, लेकिन होली किस तिथि को मनायी जायेगी ? इसे लेकर अभी पेंच फंसा हुआ है। जिसके संबंध में शास्त्र विशेषज्ञ अपने-अपने तरीके से तर्क दे रहे हैं। अधिकांश शास्त्र विशेषज्ञ 24 मार्च को होली मनाये जाने की वकालत कर रहे हैं।
सिद्धार्थनगर के शास्त्र विशेषज्ञ प. सुधीर पांडेय ने बताया कि कुछ पंचागों में 22 तारीख को होलिकादहन बताया गया है, मगर यह शास्त्रसम्मत नहीं है। उन्होंने बताया कि होलिकादहन भद्रारहित प्रदोषव्यापिनी फागुन पूर्णिमा में ही किया जाता है।
प.सुधीर पांडेय के मुताबिक 22 मार्च को भद्रा यानी विष्टिकरण दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर लगेगी, जो दूसरे दिन शाम 4 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। पूर्णिमा भी 22 को 3 बजकर 14 मिनट से 23 मार्च को शाम 5 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। इस बीच भद्रा भी शाम 4 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
इसलिए समयावधि में होलिकादहन शास्त्रसम्मत नहीं है। उन्होंने बताया कि ऐसी परिस्थिति में शास्त्रों के मुताबिक होलिकादहन 23 मार्च और 24 मार्च को रंग वाली होली मनायी जायेगी।शास्त्र विशेषज्ञ के इस तर्क के बाद सिद्धार्थनगर में अब होलिकादहन 23 मार्च को एवं होली 24 मार्च को मनायी जायेगी।