गर्भवती महिला को नहीं मिला उपचार, पीड़िता के पति ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप
निज़ाम अंसारी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। उच्चीकृत स्वास्य केन्द्र शोहरतगढ़ में रात्रि के समय इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसी दशा में गंभीर घटना होने पर पीड़ित की देखपाल संभव नहीं हो पाती। स्बिे के गड़ाकुल क्षेत्र के एक व्यक्ति ने अस्पताल पर लापरवाही का आररेप लगाते हुए जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बताते हैं कि बीती रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गड़ाकुल निवासी उमेश चौधरी अपनी प्रेग्नेंट वाइफ को लेकर करीब 11 बजे रात में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शोहरतगढ़ पर पहुंचा। मगर रात्रि 1 बज गए, लेकिन उसका इलाज संभव ना हो पाया। रात्रि के समय अस्पताल पर ना कोई डॉक्टर था न ही कोई नर्स मौजूद थी न ही अन्य स्वास्थ्य कर्मी थे।
मरीज के परिजन डॉक्टर को फोन के माध्यम से गुहार लगाए फोन नहीं उठा। इस पर उमेश ने डॉ वर्मा के आवास पर जाकर दरवाजा खटखटाया तत्काल महिला डॉ मधु सुमेदा को जगाया। बकौल उमेश महिला डॉक्टर ने आवास के अंदर से कहा आप चलिए मैं पांच मिनट में आती हूँ, लेकिन वह नहीं आईं और पुनः महिला डॉक्टर को जगाया गया उसके बाद उन्होंने हमारे पेशेंट को अटेंड किया और तत्काल मरीज को देखने के बाद जिले पर ले जाने की बात कही।
स्थित को देखते हुवे मरीज के परिजनों ने शोहरतगढ़ कस्बे के एक प्राइवेट अस्पताल में मरीज को भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है। इस प्रकरण पर अस्पताल अधीक्षक डॉ पी ने बताया कि आजकल कोरोना वायरस की महामारी फैली हुई है। इस कारण उन्होंने अपना मोबाइल सेनेटाइज किया था जिससे मोबाइल बन्द हो गया था। बाद में आवाज देने पर मैंने दरवाजा खोला और स्टाफ नर्स को सूचना भेजवाई। क्योंकि पीड़ित महिला प्रेग्नेंट थी और संभवतः डिलीवरी का समय पूरा हो चुका था।
बताते चलें कि पिछले वर्ष स्वास्थ्य मंत्री राजा जय प्रताप सिंह ने अपने शोहरतगढ़ दौरे के समय स्थानीय सामुदायिक अस्पताल पर स्वाथ्य सेवाओं का जायजा लिया था और कस्बे वासियो के बीच कस्बे के अस्पताल पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही महिला सर्जन डाक्टर की तैनाती का वादा भी किया था लेकिन काफी दिन बीत जाने के बाद भी अपने ही जिले के अस्पताल का एक चादा तक पूरा नही कर पाये।