रामकथा का पहला दिनः मानव जीवन के लिए राम जी का चरित्र आदर्श व अतुलनीय
आरिफ मकसूद
डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज क्षेत्र के परसपुर स्थित श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर पर आयोजित पांच दिवसीय श्रीराम कथा का मंगलवार की रात शुभारंभ हो गया। कार्यक्रम के पहले दिन वृन्दवादन से आए कथावाचक आलोकानंद शास्त्री ने श्री राम कथा के महत्त्व व प्रभु श्रीराम के चरित्र का वर्णन किया। साथ ही मानव जीवन के लिए श्री राम के चरित्र को आदर्श बताया।
शास्त्री ने कहा कि जितने सरल व सहज प्रभु श्रीराम हैं उतना ही सरल श्री राम कथा है। जिसके श्रवण मात्र से ही मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं। राम कथा सुनने से मन पवित्र और शुद्ध हो जाता है। जिसका मन पवित्र होता है, उसे ही श्रीराम स्वीकार करते हैं ।राम कथा पाप करने की प्रवृत्ति को खत्म कर देता है। वहीं श्री राम के चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि जिसका चरित्र उत्तम होता है, वही संसार में पूजनीय होता।
उन्होंने कहा कि श्री रामचंद्र जी की सभी चेष्टाएं धर्म, ज्ञान, नीति, शिक्षा, गुण, प्रभाव, तत्व एवं रहस्य से भरी हुई हैं। उनका व्यवहार देवता, ऋषि, मुनि, मनुष्य, पक्षी, पशु आदि सभी के साथ ही प्रशंसनीय, अलौकिक और अतुलनीय है। साक्षात पूर्णब्रह्म परमात्मा होते हुए भी मित्रों के साथ मित्र जैसा, माता-पिता के साथ पुत्र जैसा, सीता जी के साथ पति जैसा, भाइयों के साथ भाई जैसा, सेवकों के साथ स्वामी जैसा, मुनि और ब्राह्मणों के साथ शिष्य जैसा, इसी प्रकार सबके साथ यथायोग्य त्यागयुक्त प्रेमपूर्ण व्यवहार किया है। ।
इस दौरान यज्ञाचार्य सतीश मिश्रा,अष्टभुजा शुक्ला,मकरध्वज शुक्ला,राम अभिलाष शुक्ला, बब्बू यादव,दिलीप पाण्डेय उर्फ छोटे, विक्की पाल, धर्मराज यादव, राकेश पाल, लवकुश पाल, अमित, राम नेवास,आज्ञाराम यादव, राम कपिल, दयाराम, अशोक कुमार, आदि मौजूद रहे।