वर्षों बाद पुलिस के शिकंजे में फंस ही गया 35 हजार का इनामी गैंगेस्टर सुल्तान
इन काउंटर के डर से पड़ोसी मुल्क नेपाल में रह कर काट रहा था
फरारी जिंदगी, जिले में केवल क्राइम करने के लिए ही आता था
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। आखिर वर्षों तक फरार रहने के बाद सुल्तान पलिस केशिकंजे में फंस ही गया। गत दिवस उसे पुलिस और एसओजी की टीम ने दबोचा। सुल्तान डुमरियागंज थाने के भगवापुर का रहने वाला था और सिद्धार्थनगर तथा बलरामपुर जिले में अनेक अपराध किया था और चार वर्ष पहले वह पुलिस इनकाउंटर के डर से फरार होकर नेपाल में रहने लगा था। मगर अपराध के लिए अब भी दोनों कजलों में उसका आना जाना होता था।
पलिस अधीक्षक यशवीर सिंह की प्रेसवार्ता के अनुसार हमीद उर्फ सुल्तान पिछले चार वर्षों से फरार हो कर नेपाल में रह रहा था। इस दौरान वह मौका देख कर जिले में कोई वारदात भी कर देता था। पुलिस भी अरसे से उस पर नजर रखे हुए थी और सटीक मुखबिरी पर उसे गिरफतार करने की फिराक में थी। एसपी के मुतबिक शनिवार को सुल्तान किसी काम से अपने घर जाने वाला है। इस सूचना पर एसओजी प्रभारी शेषनाथ यादव, सर्विलांस प्रभारी मित कुमार और एसओ ढेबरुआ जीवन त्रिपाठी मुख्य सड़के के पास घेराबंदी कर बैठ गये।
कैसे फंसा गिरफ्त में
बताते हैं कि शनिवार को सुल्तान बाइक से नेपाल सीमा पार कर जैसे ही मुंहचोरवा के पास पहुंचा पलिस टीम आगे बढ़ी। इस पर सुल्तान ने बाइक मोड़ कर भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस टीम ने उसे घेर कर दबोच लिया। उसके पास से 1500 सौ नेपाली रुपये व 540 भारतीय रुपयों सहित एक तमंचा भी बरामद हुआ।फिलहाल उसे जेल भेज दिया गया है।
मुठभेड़ में मरने के डर से रहता था नेपाल
गत योगी सरकार में बदमाशों के निरंतर इनकाउंटर से प्रदेश के बदमाशों में खौफ हो गया था। सुल्तान पर भी दोनों जिलें में दर्जनों मुकदमें कायम थे। उस पर 35 हजार का इनाम भी घोषित था सुल्तान को लगा कि पकड़े जाने पर उसका भी एनकाउंटर हो सकता है। इसलिए उसने जिला ही नहीं मुल्क भी छोड़ दिया था और नेपाल में रहने लगा था। लेकिन शनिवार को उसका खराब दिन था।इसलिए वह पुलिस के जाल में फंस गया।