राइफल चोरी कांड: थानाध्यक्ष समेत 5 पुलिस वाले जेल भेजे गए, साज़िश गहरी है
एम. आरिफ
इटवा, सिद्धार्थनगर। इटवा थाने से गायब हुई A k 47 रायफल प्रकरण में थानाध्यक्ष इटवा एनिल पांडे समेत 5 पुलिसकर्मियों को जेल भेज दिया गया है। लेकिन मामले में बड़े अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। जिसे लेकर पुलिस विभाग पर कई सवाल उठते रहे रहेंगे। कुल मिला कर साजिश गहरी है औरा मामले की हाई लेबिल जांच बेहद जरूरीहै।
मिली जानकारी के मुताबिक इटवा थाने की रायफल चोरी के मामले में थानाध्यक्ष अनिल कुमार पांडे सहित पांच पुलिस कर्मियों हेड कांस्टेबिल विपिन कुमार भट्ट सहित सिपाही विमल किशोर मिश्र, सिपाही रात प्रताप सिंह व हेड मुहर्रिर वीरेन्द्र यादव को जेल भेज दिया गया है। उनको जेल भेजने के लिए इटवा थाना परिसर में भारी पुलिस बल तैनात था, लेकिन सवाल है कि क्या रायफल थानाध्यक्ष अनिल पांडेय के समय में गायब हुई?, अगर रायफल चोरी के लिए दारोगा ज़िम्मेदार है तो एस पी ज़िम्मेदार क्यों नहीं। क्योंकि एस पी पर सदैव इसकी जिम्मेदारी होती है।
खैर, रायफल कब गायब हुई, इसके सबूत नहीं। आम चर्चा है की उस रायफल महीनों से गायब थी, लेकिन जब पानी सर से गुज़रा तो उसकी गुमशुदगी दिखाई गई। दूसरी बात पुलिस के अनुसार जब रायफल की निकासी और जमा 3 फरवरी को थाने में दर्ज है तो तो एसओ कैसे ज़िम्मेदार हो सकता है। रायफल देने और रखने कि ज़िम्मेदारी थाने के मालखाने के ज़िम्मेदार दीवान की होती है। ऐसे में थानाध्यक्ष सहित 5 पुलिस वालों को जेल भेजने का मामला ही संदिग्ध हो जाता है। खैर थानाध्यक्ष इटवा अनिल पांडेय सहित पांच पुलिस कर्मी जेल भेज दिए गए हैं। जिसमे बेचारा वो निर्दोष पुलिस कर्मी भी शामिल है जिसने अभी 30 जनवरी को इटवा थाने में नौकरी ज्वाइन किया था। अभी उसे उत्तर दक्खिन कुछ भी मालूम नहीं था, मगर वो भी इस अपराध में जेल चला गया।