इराक में मारे गये 39 भारतीयों के हक में मुस्लिम युवाओं का कैंडल मार्च, सभा कर दी गई श्रद्धांजलि
आरिफ मकसूद
इटवा, सिद्धार्थनगर। स्थानीय कस्बे के मुस्लिम युवाओं ने इराक में मारे गये 39 भारतीय मजदूरों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च निकाला गया। इस मौके पर बड़ी संख्यां में युवाओं ने एकत्रित होकर आतंकवाद से लड़ने की अपील की । उल्लेखनीय है कि इस माेर्चा का आयोजन मुस्लिम युवकों ने किया था, जिसे टाउन में काफी सराहना मिली।
जानकरी के मुताबिक इतवार की शाम छ: बजे इटवा कस्बे के तहसील गेट के पास से युवा ग्रुप के अध्यक्ष साहिल राइनी के नेतृत्व में कैंडल मार्च निकाला गया। कैंडिल मार्च के दौरान सभी भीगी पलकों के साथ खामोश चलते रहे। कैंडल मार्च इटवा चौराहे पर आकर शोक सभा में तब्दील हो गया. जहाँ लोगों ने कैंडल जलाकर मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.।
शोकसभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आंतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, इसलिए आतंकी का धर्म/मजहब कोई भी हो, उनको आंतकी समझ कर ही मुखालफत करनी चाहिए। चाहे मुम्बई ब्लास्ट के सजायाफ्ता मुस्लिम हों या अजमेर ब्लास्ट के हिंदू। लासेगों ने कहां कि आंतंकवादद का कोई धर्म नहीं है।
शोकसभा में सामाजिक कार्यकर्ता साहिल राइनी ने कहा कि आज आंतकवाद बड़ी तेजी से सभी देशों में अपने पैर पसार रहा है। ये भारत ही नहीं बल्कि सभी देशों के लिए चिंतनीय विषय है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को आंतकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति बनाकर उसे खत्म करने का प्रयास करना चाहिए।
इस मौके पर ब्रिजेश जयसवाल ,शिवम् ,राजा सोनी, सरफ़राज, सलमान, मजीद खान, तारिक चौधरी, मोहम्मद फ़िरोज़ राइनी, अब्दुल रहीम,रिंकु आदि लोग मौजूद रहे