सीसीटीवी फुटेज को नजरअंदाज कर फारच्यूनर, रिवाल्वर चोर को बचने का मौका दे रही पुलिस

April 4, 2025 1:05 PM0 commentsViews: 710
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यदि सभी पेट्रोल पंप के सीसी कैमरे चेक हों तो चोर की पहचान

संभव, जितनी देर होगी, चोर उतना उतना ही पुलिस से होगा दूर

 

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। तहसील मुख्यालय इटवा से रिवाल्वर समेत चुराई गई फार्च्यूनर कार के प्रकरण में पुलिस की कछुआ चाल कार लिफ्टर को बचने का पूरा मौका दे रही है, जबकि कुछ सबूतों के आधार पर वह इतनी बड़ी घटना का सुराग आसानी से लगा कर रिवाल्वर बरामद कर सकती है। ज्ञात रहे कि फ़ारच्यूनर कार गोंडा जनपद में पहले ही बरामद कर चुकी है, मगर रिवाल्वर की बरामदगी अभी नहीं हो सकी है। मामले की जांच इटवा पुलिस कर रही है।

बताया जाता है कि 21 मार्च की रात आठ बजे  ज़िला पंचायत सदस्य अपनी फार्च्यूनर से रमजान की तरावीह की नमाज़ पढ़ने ब्लॉक के सामने मस्जिद में गये थे। नमाज़ के कारण उन्होंने अपनी रिवाल्वर भी गाड़ी में छोड़ दिया था। गाड़ी लॉक होने के करण सब सुरक्षित था। लेकिन जब वह बाहर निकले तो गाड़ी गायब थी। 40 लाख की अति सुरक्षित लॉक सिस्टम वाली फारच्यूनर गाड़ी को कोई वाहन लिफ्टर चुरा लेगा, यह किसी को विश्वास नहीं था

बहरहाल रिवाल्वर के साथ फार्च्यूनर की सूचना इटवा पुलिस को दी गई। इटवा पुलिस ने इतना किया कि आसपास के जिलों की पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने हर संभावित रास्ते के नाकों पर चौकसी बढ़ दी। इसी चौकसी के दौरान उक्त फार्च्यूनर गोंडा ज़िले के मानिकपुर थाने की ददौली पुलिस चौकी पर पर रोकी गई, मगर कार चालक रुकने के बजाय बैरियर तोड़ कर भागने लगा। इस तेज़ी में कार लोहे के बैरियर से टकरा कर बन्द हो गई। फलतः ड्राइवर कार को वहीं छोड़ कर रिवाल्वर ले कर भाग निकला।

इस मामले में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब फार्च्यूनर मालिक/ ज़िला पंचायत सदस्य इज़हार अहमद ने बताया कि घटना के समय फार्च्यूनर में 40- 50 किमी तक तक जाने के लिए ही पेट्रोल उपलब्ध था, मगर गाड़ी सौ किमी से अधिक चलने के बाद पकडी गई, इसका साफ मतलब है कि वाहन चोर ने रास्ते मे ज़रूर कहीं पट्रोल लिया होगा। यह एक बड़ा क्लू था। ऐसे में पुलिस को उस रास्ते में पड़ने वाले पेट्रोल पम्पो के सीसी कैमरे को खंगाल कर चोर की पहिचान करनी चाहिए थी। लेकिन घटना के एक पखवाड़े बाद भी पुलिस ने किसी भी सीसी कैमरे की छानबीन नहीं की।

इस बारे में इज़हार अहमद के पिता और सामाजिक कार्यकर्ता इसरार अहमद का कहना है कि उन्होंने कई बार एसओ इटवा से सीसी टीवी की छानबीन करने को कहा, मगर वह हर बार समय की कमी की बात कह कर उनके अनुरोध को टाल देते हैं।

सवाल है कि इटवा पुलिस उक्त सीसीटीवी को कब चेक करेगी। यदि इस बीच सीसीटीवी की फुटेज गायब हो गई या किसी वजह से नष्ट हो गई तो क्या होगा? कहीं ऐसा तो नहीं कि सीसीटीवी न चेक करने के पीछे कोई खास वजह है? पुलिस किसी दबाव में तो नही है? यदि ऐसा नहीं है तो पुलिस की कथित व्यस्तता की वजह क्या है?

 

 

 

 

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