डुमरियागंजः छंटने लगा धुंधलका, त्रिकोण लड़ाई में फंसी जगदम्बिका पाल की प्रतिष्ठा

May 11, 2019 4:20 PM0 commentsViews: 2611
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज सीट से दिग्गज नेता व भाजपा सासंद त्रिकोणीय लड़ाई में घिरे हुए हैं। लगातार दस साल सांसद रहने के कारण उत्पन्न इंकम्बेंसी व भितरधात के चलते  उनकी लड़ाई कठिन है। लेकिन उनका राजनीतिक कौशल भी लाजवाब है। बहरहाल बसपा और सपा दोनों ही खेमा मैदान मार लेने का दावा कर रहा है। बहरहालॽ पाल के पास अनुभव है तो गठबंधन के पास सोशल इंजीनीयरिंग और कांग्रेस के पास सत्ता में वापसी के संकेत का हौसला। देखना है रविवार को जनता किसकी किस्मत पर मुहर लगाती है।

भितरघात कर सकता है नुकसान

कपिलवस्तु पोस्ट पहले ही लिख चुका है कि जगदम्बिका पाल अपने जीवन की कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं।  इसका मुख्य कारण इनकम्बेंसी और भितरघात है। भितरघात का यह आलम है कि भाजपा की सहयोगी और साझीदार पार्टी अपना दल के इकलौते विधायक (शोहरतगढ़) समेत अपना दल का पूरा जिला संगठन भाजपा के खिलाफ है। इससे भाजपा समर्थक कुर्मी समाज में भाजपा की पकड़ कमजोर हुई है। कुंर्मी समाज से जुडें कई लोग बसपा खेमे में सक्रिय देखे जा रहे हैं। इसके अलावा बांसी क्षेत्र के कई भाजपा समर्थक भी विरोघ करते देखे जा रहे हैं।

सोशल इंजीनीरिंग में गठबंधन आगे

दूसरी तरफ गठबंधन के पक्ष में उसकी सोशल इंजीनीयरिंग तगड़ी दिख रही है। उसके दलित मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग के यादव समाज में इस बार अभूतपूर्व एकता दिख रही है। इसके अलावा पासी समाज, लोधी समाज, राजभर आदि जातियों में इस बार गठबंधन के पक्ष में लोग देखे जा रहे हैं। भले ही इनकी संख्या कम हो। इस प्रकार सपा बसपा के सोशल इंजीनीयरिंग के पक्ष में 54 प्रतिशत वोट का रुझान बनता दिख रहा है।

कांग्रेस पे बड़ी खामोशी से रेस में बनाई जगह

यहां यह याद रखना होगा कि इन दोनों दलों की लड़ाई के बीच शुरू में कमजोर दिख रही काग्रेस ने बड़ी खामोशी से जगह बनाई है। कांग्रेस प्रत्याशी  डा. चन्द्रेश उपाध्याय ने जिले के दो दिग्गज नेता पूर्वमंत्री कमाल यूसुफ  और पूर्व सांसद मो. मुकीम के साथ जहां मुस्लिम मतदाताओं में पकड़ बनाई है, वहीं खुद व कांग्रेस के कई सजातीय नेताओं को साथ लेकर भाजपा के पारम्परिक ब्राह्मण वोटर पर बड़ा हमला बोला है। और वो इस राजनीतिक घमासान को त्रिकोण बनाने में सफल दिख रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के एक अन्य सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, जो राजभर समाज की प्रतिनिधि पार्टी मानी जाती है,  ने अपना उम्मीदवार उतार कर भाजपा के वोट बैकं पर एक और चोट की है।

बनाएं रखें नजर

कुल मिला कर डुमरियागंज संसदीय सीट पर भाजपा गत चुनाव की अपेक्षा कमजोर दिखती है, लेकिन फिर वहीं बात सामने आती है कि यहां से भाजपा प्रत्याशी के अनुभव और राजनीतिक कौशल का सभी लोहा मानते हैं। इसलिए वह कोई भी चमत्कार करने में सक्षम हैं। फिलहाल मुकाबला रोचक और रोमांचक है। देखते हैं कि रविवार को पाल का अनुभव बढ़त बनाता है या आफताब आलम अथवा डा. चन्द्रेश का युवा जोश। ताजा अपडेट के लिए बनाए रखें कपिलवस्तु पोस्ट पर नजर।

 

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