लाकडाउन पीरियड में किशन जायसवाल की टीम पशु पक्षियों का जीवन बचाने में जुटी
एस.पी. श्रीवास्तव
महराजगंज। अपने लिए तो हर कोई जीता है लेकिन दुसरो के लिए जीने का साहस कम लोग जुटा पाते हैं। मनुष्यों के बीच में कुछ बेजुबान पशु, पक्षी व जानवर भी रहते है जिनकी भूख मानव बस्तियों के घरों से निकले भोजन से मिटती है। आज पूरे देश में लकडॉन चल रहा है ऐसे में इन बेजुबानो का कोई पूछनहाल नहीं है और वे भूख से तड़प रहे हैं। मजे की बात यह है कि इनकी शुधि न ही शासन प्रशासन ले रहा है और न ही समाजसेवी संस्थाएं।
इनकी तरप देख महराजगंज जिला के बृजमनगंज कस्बा निवासी किशन जायसवाल ने अपने साथियो से मिलकर बात चीत कर इनके भोजन पानी की व्यवस्था करने का मन बनाया। जिसको लेकर उनके साथी विनोद जायसवाल, रबी यादव, सौरभ जायसवाल, अबी जायसवाल व बब्लू जायसवाल आदि बेजुबानों के लिए रोजाना भोजन करा रहे है।
इस बाबत 28 वर्षीय किशन जयसवाल ने बताया कि कस्बे में हजारों की संख्या में बंदर रहते है जो कस्बे के लोगो के घरों व नगर में आये यात्रिओं से दिए भोजन से अपना पेट भरते थे। लोकडॉन होने के बाद कस्बे में सन्नटा पसर गया जिस वजह से इनको भोजन का संकट आ परा ।
वहीं क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद जायसवाल व बब्लू जायसवाल ने बताया कि यदि किशन जायसवाल ने पहल नही की होती तो सैकड़ों बन्दर अपने प्राण गंवा देते। हमारी टीम पक्षियों के लिए दाना पानी ,पशओं के लिए चारा ओ बन्दरों के लिए ब्रेड रोटी , फल आलू इत्यादि की ब्यवस्था पूरे लकडॉन तक करेंगे। किसी भी बेजुबान को हमारे रहते भूख प्याश से मौत नही होने पायगी।
कोरोना महामारी में किशन जायसवाल व उनकी टीम इन बेजुबानो के मसीहा बन बैठे हैं। पूरे दिन ये बेजुबान जानवर इनकी राह देखते हैं जब किशन और इनके साथी इनके भोजन लेकर आते हैं तो इनकी उछल कूद बढ़ जाती हैं। और मन ही मन अपने संकट के समय उनका ख्याल रखने वाले रहनुमाओ पे अपना लाड दुलार देखने को बनता है।