ऐतिहासिक जिगिना धाम मेला पर कोरोना का ब्रेक, इस बार नहीं लगेगा मेला
आरिफ मकसूद
इटवा, सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र के धार्मिक स्थल जिगिना धाम में अगहन मास के शुक्ल पक्ष तिथि पंचमी को राम-विवाह के अवसर पर हर साल विशाल मेला लगता है। परंतु इस बार कोरोना महामारी के कारण मेले का आयोजन नहीं हो पायेगा। प्रशासन ने मेले की अनुमति नही दी है। केवल धार्मिक परंपरा के अन्तर्गत होने वाले कार्यक्रम होंगे। मनोरंजन से संबंधित कोई समारोह नहीं होंगे।
एसडीएम इटवा उत्कर्ष श्रीवास्तव ने बताया कि हर वर्ष मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। इससे शासन की गाइड लाइन के अनुसार मेले का आयोजन हो पाना संभव नहीं है। अनुष्ठान एवं धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी परंपराएं पूरी करने की अनुमति दी जा सकती है। प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि आयोजक ने एक सप्ताह के लिए मेले की अनुमति मांगी थी, मगर कोरोना सतर्कता के चलते प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।
मेले में इस बार नही देखने को मिलेगा मनोरंजन के कार्यक्रम
जिगिना धाम के ऐतिहासिक धार्मिक स्थल पर हर वर्ष भव्य मेले का आयोजन होता आ रहा है। जो करीब एक सप्ताह तक चलता है। मेले में नेपाल से लेकर लखनऊ, रायबरेली व कानपुर तक के दुकानदार आते हैं। मेले का मुख्य आकर्षक मौत का कुआं, विशाल झूला, थियेटर आदि कार्यक्रम होते हैं। मेला आसपास के जनपदों के अलावा नेपाल में भी अपनी अलग पहचान के रूप में जाना जाता है। इस बार मेला की तिथि 18 से 24 दिसंबर है। मगर कोरोना संक्रमण के चलते मेले की अनुमति नहीं दी गई है। मतलब न तो इस बार विशाल झूला लगेगा और न ही थियेटर, मौत का कुआं आदि मनोरंजन से जुड़े कोई कार्यक्रम नही कराए जा सकेंगे।